कोरोना योद्धा बन काम कर रहे लैब तकनीशियन राकेश खटकड़

पुराना अस्पताल में बनाए गए शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत लैब तकनीशियन राकेश खटकड़ कोरोना योद्धा बनकर कार्य कर रहे हैं। राकेश खटकड़ अब तक चार हजार से अधिक सैंपल ले चुके है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 06:52 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 06:52 AM (IST)
कोरोना योद्धा बन काम कर रहे  लैब तकनीशियन राकेश खटकड़
कोरोना योद्धा बन काम कर रहे लैब तकनीशियन राकेश खटकड़

जागरण संवाददाता, कैथल : पुराना अस्पताल में बनाए गए शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत लैब तकनीशियन राकेश खटकड़ कोरोना योद्धा बनकर कार्य कर रहे हैं। राकेश खटकड़ अब तक चार हजार से अधिक सैंपल ले चुके है। खटकड़ सुबह नौ बजे काम पर आते हैं और शाम के सात बजे वापस लौटते हैं। खटकड़ का कहना है कि कोरोना महामारी एक जैविक युद्ध की तरह से जिससे हमें पार पाने की आवश्यकता है। राकेश ने बताया कि उन्हें सैंपल लेने का कार्य तो नहीं दिया गया है, परंतु जो लैब तकनीशियन सैंपल लेने का कार्य कर रहा है। उसकी सहायता वह करते हैं।

रिपोर्ट को लेकर कर रहे हैं कार्य :

लैब तकनीशियन राकेश खटकड़ ने बताया कि बेशक वह कोरोना के सैंपल नहीं ले रहे हैं। परंतु तकनीशियन द्वारा जो सैंपल लिए जाते हैं। उनकी रिपोर्ट को तैयार करने का वह कार्य कर रहे हैं। जिसमें वह सैंपल भेजने से लेकर रिपोर्ट को डाउनलोड करने का कार्य करते हैं। इस दौरान संक्रमित होने वाले लोगों के स्वजन उनसे रिपोर्ट लेने के लिए पहुंचते हैं। खटकड़ ने कहा कि इस समय हमें भेदभाव को भुलाकर लोगों की सहायता करनी चाहिए। ऐसा करने से हम कोरोना के इस संकट काल में इस महामारी को हरा सकते हैं।

10 घंटे तक कर रहे ड्यूटी

लैब तकनीशियन राकेश खटकड़ ने बताया कि विभाग के अधिकारियों द्वारा सितबंर में उसकी कोरोना के सैंपलिग के कार्य को लेकर ड्यूटी लगाई गई थी। जिसके बाद से वह प्रतिदिन 10 घंटे तक ड्यूटी कर रहा है। वह अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद जब वह घ पहुंचता है तो अच्छी तरह से सैनिटाइज होने के बाद ही परिवार सदस्यों से मिलता है। वह कोविड-19 को लेकर जारी सभी हिदायतों का लगातार पालन कर रहा है।

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