जनस्वास्थ्य विभाग हुआ बिजली निगम का डिफाल्टर, 1.27 करोड़ रुपये का बकाया बिल
गर्मी शुरू होने के बाद जहां पानी की खपत बढ़ने लगी है। वहीं अब जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जाने ट्यूबवेलों के अधिक देर तक चलने के कारण बिजली का बिल भी बढ़ने लगा है।
जागरण संवाददाता, कैथल : गर्मी शुरू होने के बाद जहां पानी की खपत बढ़ने लगी है। वहीं, अब जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जाने ट्यूबवेलों के अधिक देर तक चलने के कारण बिजली का बिल भी बढ़ने लगा है। जिस कारण अब जनस्वास्थ्य विभाग बिजली निगम का डिफाल्टर होने लगा है। निगम का विभाग की ओर कुल करीब डेढ़ करोड़ रुपये का बकाया है। इसके अलावा करीब 70 लाख रुपये अन्य सरकारी विभागों पर भी निगम का बकाया है। एक्सईएन भूपेंद्र सिंह का कहना है कि इन विभागों को बिजली बिल पर अंकित बिल भरने की अंतिम तक बिजली का बिल भरने का समय दिया गया है, यदि यह विभाग बिल नहीं भरते तो कनेक्शन काट दिया जाएगा। बता दें कि लॉकडाउन के बाद तो जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय पर बिल दिया गया है। परंतु विभाग द्वारा बिल नहीं भरा गया है। जनस्वास्थ्य विभाग का यह बिल तीन महीने का बकाया है। अन्य सरकारी विभागों पर भी है बकाया केवल जन स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि अन्य सरकारी विभागों पर भी निगम का बकाया बिल खड़ा है, जो निगम के पास नहीं आया है। इसमें नगर परिषद का 66.25 लाख रुपये बकाया है। वहीं, पंचायतों पर 32.19 लाख रुपये बकाया है। इसी प्रकार से नहरी विभाग पर 8.27 लाख रुपये का बकाया है। इस प्रकार से इन सभी सरकारी विभागों दो करोड़ 41 लाख 56 हजार रुपये का कुल बकाया है। जिन सरकारी विभागों ने बिजली का बिल नहीं भरा है। उन विभागों को एसडीओ द्वारा नोटिस दिए जाते हैं। इतनी राशि रूटीन में बकाया रहती है। यदि कोई विभाग बिल नहीं भरता है तो उसके बिजली बिल पर अंकित अंतिम तिथि तक का समय ही दिया जाता है। यदि बिल नहीं भरते तो कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी की जाती है। - भूपेंद्र सिंह वधावन, एक्सईएन, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम, कैथल।