प्रगतिशील किसान अजय प्रताप ने धान व गेहूं की खेती छोड़ वीएनआर किस्म अमरूद का लगाया बाग

लीक से हटकर जिसने भी काम किया उसने ही नए आयामों को छुआ। पारंपरिक खेती बाड़ी जब घाटे का सौदा बनने लगी व पैदावार घटने लगी तो कलायत के प्रगतिशील किसान अजय प्रताप ने अमरूद का बाग लगाने की ठानी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 04:56 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 04:56 PM (IST)
प्रगतिशील किसान अजय प्रताप ने धान व गेहूं की खेती छोड़ वीएनआर किस्म अमरूद का लगाया बाग
प्रगतिशील किसान अजय प्रताप ने धान व गेहूं की खेती छोड़ वीएनआर किस्म अमरूद का लगाया बाग

सोनू थुआ, कैथल : लीक से हटकर जिसने भी काम किया, उसने ही नए आयामों को छुआ। पारंपरिक खेती बाड़ी जब घाटे का सौदा बनने लगी व पैदावार घटने लगी तो कलायत के प्रगतिशील किसान अजय प्रताप ने अमरूद का बाग लगाने की ठानी। शुरुआत में साथी किसानों ने प्रयोग को लेकर डराया भी, लेकिन अजय प्रताप आगे बढ़ते रहे। आज अमरूद के दो एकड़ बाग से चार लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। किसान अजय प्रताप बताते हैं कि अब दो एकड़ के बाग से अच्छी खासी आमदनी हुई तो उन्होंने साढ़े चार एकड़ जमीन पर ओर बाग लगा दिया है। अगले साल तक वो भी फल देना शुरू कर देगा। अब उनके पास साढ़े छह एकड़ में बाग हो गया है। उनका कहना है कि धान व गेहूं की खेती पानी ज्यादा मांगती है, इससे जलस्तर घट रहा है। उस जलस्तर को बचाने के लिए बागवानी की तरफ रूझान बढ़ाया है। अमरूद का बाग लगाकर अन्य किसान भी अच्छी आमदनी कर सकते हैं। पानी की बचत में बागवानी खेती सबसे बेहतर है। वीएनआर किस्म के लगाए अमरूद

किसान बताते है कि उन्होंने अपने बाग में वीएनआर अमरूद की किस्म के पौधे लगाए हुए हैं। खाने में इसकी क्वालिटी लाजवाब होती है। किसान बताते है कि उन्होंने दो एकड़ के बाग में 300 पौधे लगाए हुए हैं। अब सालाना दो एकड़ के बाग से चार लाख रुपये की कमाई हो रही है। बाग में पौधों की निराई, गुड़ाई समय पर करते है। 2015 से गेहूं व धान की फसल छोड़कर अमरूद की खेती शुरू की हैं। वीएनआर किस्म का अमरूद साल में दो बार फल देता है। इस अमरूद में कीड़ा नहीं लगता है। सबसे ज्यादा इस अमरूद की डिमांड रहती है। गोबर के खाद का प्रयोग किया जाता है। जैविक तरीके से फल तैयार होता है। यहां- यहां करते हैं अमरूद सप्लाई

किसान अजय प्रताप बताते हैं कि उनको अमरूद बेचने के लिए मंडी में नहीं जाना पड़ता है। खेत से ही व्यापारी खरीदकर ले जाते हैं। यूपी, राजस्थान, हरियाणा के जींद, अंबाला, नरवाना तक अमरूद की सप्लाई हो रही है। वहीं पंजाब के जालंधर, अमृतसर, बठिंडा शहर से अमरूद के व्यापारी आते हैं। अच्छी खासी डिमांड है। वर्जन-

बाग लगाकर किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। सालाना अच्छी कमाई होती है। किसान अजय प्रताप बागवानी में अच्छा काम कर रहा हैं। अन्य किसानों को भी अमरूद का बाग लगाना चाहिए।

प्रमोद कुमार, जिला बागवानी अधिकारी।

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