रोहेड़ा माजरा गांव में पानी की निकासी की समस्या, सफाई न होने से नालियां ओवरफ्लो
खंड के गांव रोहेड़ा माजरा के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मुख्य समस्या पानी की निकासी और सफाई की है। गंदा पानी एक जगह एकत्रित होने के कारण पीलिया डायरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। गांव के सार्वजनिक शौचालय बदहाल हो चुके हैं। यहां पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं ।
संवाद सहयोगी, राजौंद: खंड के गांव रोहेड़ा माजरा के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मुख्य समस्या पानी की निकासी और सफाई की है। गंदा पानी एक जगह एकत्रित होने के कारण पीलिया, डायरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। गांव के सार्वजनिक शौचालय बदहाल हो चुके हैं। यहां पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं । नालियों की सफाई नहीं हो रही है। यह ओवरफ्लो हो गई हैं। गलियों में कीचड़ जमा रहता है। माजरा से किठाना जाने वाली सड़क बदहाल हो चुकी है। जगह-जगह गहरे गड्ढे बने हुए हैं। रात के समय इस सड़क से निकलना मुश्किल भरा रहता है। बरसात के समय तो सड़क पर पानी जमा हो जाता है। गड्ढे दिखाई भी नहीं देते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि समस्याओं के बारे में कई बार प्रशासन को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मूलभूत सुविधाओं की तरफ ध्यान दिया जाए ताकि लोगों को परेशानी न हो।
पेयजल के लिए भटकना पड़ता है: गुरदेव
ग्रामीण गुरदेव ने बताया कि गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। पीने के पानी दो दिन में सप्लाई होता है। सिर पर मटके रखकर महिलाओं को भटकना पड़ता है। कई बार खेतों में लगे ट्यूबवेल का सहारा लिया जाता है। प्रशासन से मांग करते हैं कि गर्मी का सीजन शुरू हो गया है। पीने के पानी का प्रबंध करवाया जाए ताकि ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या से निजात मिल सकें।
गलियों में हो सफाई: गुरदीप
ग्रामीण गुरदीप ने बताया कि गांव में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। गलियों की सफाई न होने के कारण बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। खेल स्टेडियम का गांव में अभाव है। गांव में स्टेडियम बनाया जाए ताकि बच्चों को सड़कों पर दौड़ न लगानी पड़े।
बैंक की सुविधा नहीं: जगबीर
ग्रामीण जगबीर ने बताया कि गांव में कोई बैंक की सुविधा नहीं है। बैंक की लेनदेन करने के लिए राजौंद या किठाना जाना पड़ता है। इसमें उनका पूरा दिन आने-जाने में निकल जाता है। गांव में ही बैंक की सुविधा उपलब्ध कराई जाए तो ग्रामीणों को काफी सुविधा मिलेगी। बस सुविधा गांव में नहीं है। निजी वाहनों में ग्रामीणों को सफर तय करना पड़ता है। परिवहन विभाग को बस की सुविधा देनी चाहिए, ताकि आने जाने में गांव के लोग परेशान न हो। गांव में लाइब्रेरी का प्रबंध नहीं है। बच्चों को पढ़ने के लिए राजौंद जाना पड़ता है। लाइब्रेरी भी गांव में बनाई जाए। माजरा गांव का इतिहास महाभारतकालीन हैं। ग्रामीणों ने अनुसार गांव में शिवजी का ऐतिहासिक मंदिर है। जहां ग्रामीण पूजा-अर्चना करते हैं। गांव की आबादी 1500 के करीब है। 800 के करीब मतदाता हैं, 60 प्रतिशत जनसंख्या साक्षर हैं।
पीने के पानी की तरफ ध्यान दे सरकार
पानी निकासी गांव की समस्या है। इसको लेकर कई बार सरकार को लिख चुके है। पीने के पानी की तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।
- दिनेश कुमार, कार्यकारी सरपंच