मंडियों में तीसरे दिन भी नहीं हुई धान की खरीद, किसानों में रोष
अनाज मंडियों में तीसरे दिन मंगलवार को भी धान की खरीद नहीं हो पाई। इस कारण किसानों और आढ़तियों में रोष दिखाई दिया। किसानों ने कहा कि धान की खरीद नहीं होने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल : अनाज मंडियों में तीसरे दिन मंगलवार को भी धान की खरीद नहीं हो पाई। इस कारण किसानों और आढ़तियों में रोष दिखाई दिया। किसानों ने कहा कि धान की खरीद नहीं होने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंडियों में किसान धान की रखवाली करने को मजबूर हो रहे हैं। ढांड अनाज मंडी में तो खरीद नहीं होने से भड़के किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय पर ताला जड़ दिया। शहर की नई और पुरानी अनाज मंडी में आढ़तियों के विरोध के चलते कोई भी एजेंसी का अधिकारी खरीद करने के लिए पहुंचा। इस कारण किसान दिनभर मंडियों में खरीद एजेंसियों के अधिकारियों का इंतजार करते रहे। मंडी आढ़तियों का कहना है कि जब तक एजेंसी के अधिकारी राइस मिलरों को साथ लेकर मंडियों में नहीं आएंगे, तब तक वे धान की खरीद का कार्य शुरू नहीं होने देंगे।
बिना राइस मिलर के अगर एजेंसियां सीधी खरीद करना चाहती है तो किसानों की ढेरी खरीद सकती है, लेकिन किसान भी बिना आढ़ती के एजेंसी अधिकारियों को धान नहीं बेच रहे हैं। उधर, राइस मिलरों का कहना है कि सरकार की ओर से जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक वे मंडियों से खरीद नहीं करेंगे।
बाक्स-आठ दिन से धान लेकर बैठा हूं
काकौत निवासी किसान पाला राम ने बताया कि आठ दिन से पीआर धान लेकर मंडी में बैठा है। दस एकड़ में पीआर धान लगाई थी। आज तक एक भी दाना नहीं बिका है। सरकारी खरीद का इंतजार कर रहा हूं। इस बार सीजन में काफी दिक्कत आ रही है।
दो हजार से कम बिकी 1509
कुरुक्षेत्र के गांव गुमथलागढ़ू के कुलवंत सिंह ने बताया कि मंडी में 1509 धान लेकर आया हूं। दो हजार रुपये से कम में धान बिकी है। इस बार 15 हजार प्रति एकड़ नुकसान किसानों को हो रहा है।
नहीं आया कोई खरीदार : खुरानिया
पुरानी मंडी एसोसिएशन के प्रधान श्याम बहादुर खुरानिया ने कहा कि कोई एजेंसी का अधिकारी खरीद करने के लिए मंडी नहीं आया है। किसान पीआर धान लेकर बैठे हुए हैं। सरकार की पॉलिसी के कारण आढ़तियों और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
राइस मिलरों के बिना नहीं बचेंगे धान : मित्तल
नई अनाज मंडी प्रधान कृष्ण मित्तल ने कहा कि बिना राइस मिलरों के अगर एजेंसी अधिकारी मंडियों में खरीद करेंगे तो वह सहयोग नहीं करेंगे। राइस मिलर को साथ लेकर एजेंसियां आएं तो वह धान बेचने के लिए तैयार हैं।
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हमें नहीं शेड्यूल की जानकारी
मार्केट कमेटी कार्यालय में जब धान के शेड्यूल को लेकर जानकारी लेनी चाही तो कर्मचारियों ने कहा कि हमें कुछ नहीं पता है। चंडीगढ़ से ही किसानों के पास मैसेज आ रहे हैं। शेड्यूल उनके पास नहीं आया है।
सभी तैयारियां पूरी : डीएफएससी
डीएफएससी प्रमोद कुमार ने बताया कि पीआर धान की खरीद को लेकर उनकी सभी तैयारियां पूरी है। शहर की दोनों मंडियों और गुहला में कोई खरीद नहीं हुई है। ढांड और कलायत मंडी में खरीद को लेकर कर्मचारी गए थे। नमी होने के कारण खरीद नहीं हो सकी।
भाकियू ने जड़ा मार्केट कमेटी कार्यालय पर ताला
संस, ढांड : पीआर धान की मंडियों में सरकारी खरीद न होने से खफा भारतीय किसान यूनियन, भारतीय किसान संघ के सदस्यों ने मार्केट कमेटी ढांड कार्यालय पर तालाबंदी करते हुए रोष जताया। भाकियू के युवा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना और भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी रणदीप आर्य ने कहा कि सरकार ने कागजों में तो 26 सितंबर से सरकारी खरीद दिखाई हुई है। तीन दिन बीत जाने के बावजूद एक भी दाना सरकारी खाते में खरीदा नहीं गया है। किसान मंडी दस दिन से डेरा डाले हुए हैं। किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के अधिकारियों को बाहर निकालकर ताला लगा दिया। इसके बाद नायब तहसीलदार ढांड सुभाष, थाना प्रभारी राजेश कुमार, कमेटी सचिव संदीप लोहान किसानों के बीच पहुंचे। किसानों ने कहा कि धान की खरीद शुरू होने तक यहीं डटे रहेंगे। इसके बाद खरीद एजेंसी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर विनोद कुमार मौके पर पहुंचे और उन्होंने खरीद शुरू करवाने का आश्वासन दिया।
बाक्स- नमी की मात्रा सरकारी मापदंड से ज्यादा थी
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर विनोद शर्मा ने कहा कि खरीद के दौरान मंडी में जितनी भी ढेरियों की जांच की सभी में नमी की मात्रा सरकारी मापदंड से ज्यादा थी। जिन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है। सरकार मापदंड पर खरी उतरने वाली धान की ही खरीद की जाएगी।