जिले में खाली पड़े 38 कृषि विकास अधिकारियों के पद

जिले में कृषि से जुड़ी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने और उन्हें लागू कराने वाले कृषि विकास अधिकारियों (एडीओ) के 43 में से 38 पद खाली पड़े हैं। इससे लोगों तक कृषि योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 06:27 AM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 06:27 AM (IST)
जिले में खाली पड़े 38 कृषि  विकास अधिकारियों के पद
जिले में खाली पड़े 38 कृषि विकास अधिकारियों के पद

जागरण संवाददाता, कैथल: जिले में कृषि से जुड़ी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने और उन्हें लागू कराने वाले कृषि विकास अधिकारियों (एडीओ) के 43 में से 38 पद खाली पड़े हैं। इससे लोगों तक कृषि योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है।

कृषि कार्यालय का कामकाज भी पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। सरकार की योजनाओं से संबंधित किसानों की कागजी कार्रवाई काफी समय तक अधूरी रहती है। एक विकास अधिकारी के पास कई-कई जगहों का चार्ज मिला हुआ है। इससे विकास अधिकारी के एक दिन किसी कार्यालय तो दूसरे दिन दूसरे कार्यालय पहुंचना पड़ता है। अधिकारियों को भी काम करने में परेशानी आ रही हैं। कृषि विभाग में किसानों तक कृषि संबंधित योजनाएं पहुंचाने के लिए इन पदों को रखा गया है ताकि आने वाले समय की आधुनिक तरीके की कृषि की जानकारी पहुंचाई जाए।

जिले में हैं 43 स्वीकृत पद

बता दें कि पिछली कई सालों से कृषि विभाग में इन अफसरों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई है। इससे किसानों के समय पर काम पूरे नहीं हो रहे हैं। जिले के विकास अधिकारी अफसरों के अधिकृत पदों की संख्या करीब 43 हैं, जिनमें से 38 के करीब पदों पर अफसर तैनात नहीं हैं। सीटें सेवानिवृत व पदोन्नत के बाद खाली हो चुकी है। अफसरों की इसी कमी की वजह से मौजूदा कृषि अफसर भी अतिरिक्त कार्यभार और वर्कलोड के भार तले दबे हुए हैं।

यह है एडीओ के कार्य-

किसानों को कृषि की वैज्ञानिक कृषि विश्वविद्यालयों से आई नवीनतम जानकारी किसानों तक पहुंचाना। नवीनतम बीज के बार में जानकारी देना, फसल बीमा योजना को लागू करना, मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, बीज उपचार के साथ किसानों को फसलों में आने वाले रोग आदि के बारे में जागरूक कर उचित सलाह परामर्श देना होता है। इसके अलावा समय-समय पर कृषि शिविर लगा कर किसानों को वैज्ञानिक खेती के प्रति जागरूक करना होता है।

सीट पर नहीं मिलते कृषि विकास अधिकारी-

किसान रणधीर व राजेश व रामकुमार ने बताया कि कृषि विकास अधिकारियों की कमी के कारण कई जगहों का प्रभार दिया हुआ है। इसलिए कुर्सी पर अधिकारी नहीं मिलते हैं। एक काम को पूरा करवाने के लिए हफ्तों बीत जाते हैं। नवीनतम बीज, उपचार व योजनाओं की जानकारी उनसे नहीं मिल पाती हैं।

डिमांड भेजी हुई है: डा.कर्मचंद

कृषि उपनिदेशक कर्मचंद ने बताया कि उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है। काफी पद कृषि विकास अधिकारी के खाली पड़े हैं। फील्ड कर्मचारियों से काम करवाया जा रहा है।

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