शहर की निगहबानी में लगी तीसरी आंख खराब, एसपी ने कराया सर्वे

कैथल शहर की सुरक्षा को लेकर चौक-चौराहों पर लगाए गए कैमरे खराब पड़े हैं। काम नहीं कर रहे हैं। कैमरों के लिए कंट्रोल रूम तक नहीं बनाया गया है। एसपी लोकेंद्र सिंह ने डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारियों से कैमरों का सर्वे करवाया तो यह रिपोर्ट सामने आई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 08:06 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 08:06 AM (IST)
शहर की निगहबानी में लगी तीसरी आंख खराब, एसपी ने कराया सर्वे
शहर की निगहबानी में लगी तीसरी आंख खराब, एसपी ने कराया सर्वे

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर की सुरक्षा को लेकर चौक-चौराहों पर लगाए गए कैमरे खराब पड़े हैं। काम नहीं कर रहे हैं। कैमरों के लिए कंट्रोल रूम तक नहीं बनाया गया है। एसपी लोकेंद्र सिंह ने डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारियों से कैमरों का सर्वे करवाया तो यह रिपोर्ट सामने आई है। एसपी ने कहा कि चौक-चौराहों पर कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन वर्किंग में नहीं है। इसका फायदा अपराधियों को मिल रहा है। अगर कमरे अच्छी क्वालिटी की हो और रिकार्डिग हो तो काफी आसानी रहती है। कैमरे लगाना और उन्हें वर्किंग में रखने के लिए देखरेख करना पुलिस विभाग का नहीं बल्कि नगर परिषद का कार्य है। नगर परिषद ने वर्ष 2015 में 13 लोकेशन चिह्नित करते हुए 52 जगहों पर कैमरे लगाए थे। कैमरों की स्थिति कैसे इसे लेकर नगर परिषद के अधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं है। कैथल शहर के साथ-साथ गुहला व कलायत में भी कमरे लगाने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है।

पूर्व सांसद ने दिए थे दस लाख रुपये

वर्ष 2015 में नई अनाज मंडी में आढ़ती से लूटपाट करने के लिए एक बदमाश दुकान के अंदर घुसा। बदमाश को युवा आढ़ती मुनीष मित्तल ने पकड़ लिया था, लेकिन वह उस पर भी फायरिग कर फरार हो गया। इस घटना में मनीष मित्तल की मौत हो गई थी। बदमाश शहर के बीचोबीच से गुजरता हुआ फरार हो गया था। आज तक भी बदमाश पकड़ा नहीं गया है। इस घटना के बाद शहर दो दिनों तक बंद रहा था। उस समय सांसद राजकुमार सैनी ने शहर की सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए 10 लाख रुपये की राशि दी थी। शहर के चौराहों पर 52 जगहों पर कैमरे तो लगवाए, लेकिन कंट्रोल रूम नहीं बनाया गया। इस कारण कैमरों में रिकार्डिग नहीं हो पाती।

घर व प्रतिष्ठानों पर स्वयं लगवा रहे कैमर

शहर की सुरक्षा का जिम्मा सरकार और प्रशासन का है, लेकिन इसे लेकर खानापूर्ति हो रही है। प्रशासन गंभीर नहीं है। पिछले छह साल पहले शहर के चौराहों पर कैमरे लगाने का प्लान आज तक भी सिरे नहीं चढ़ पाया है। खानापूर्ति के लिए कैमरे तो लगाए दिए गए लेकिन वर्किंग में लाने के लिए आज तक कंट्रोल रूम नहीं बनाया गया। यही कारण है कि शहर के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर स्वयं जागरूक है। जींद रोड स्थित मॉडल टाउन में एसोसिएशन ने अपने खर्च पर कैमरे लगाए हैं।

वर्जन :

शहर में 52 जगहों पर कैमरे लगवाए थे। अब कैमरे किस हालत में हैं, इसे लेकर जेई ब्रांच को सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। कैमरे खराब मिले तो उन्हें बदलवाने के लिए एस्टीमेट तैयार करते हुए नए कैमरे लगवाए जाएंगे।

-हिमांशु लाटका, एक्सईएन, नगर परिषद, कैथल

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