किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने की दिलाई शपथ

दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए पराली का समाधान है समझदारी अभियान के तहत सोमवार को सेक्टर-18 में चौपाल कार्यक्रम आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 08:00 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 08:00 AM (IST)
किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने की दिलाई शपथ
किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने की दिलाई शपथ

जागरण संवाददाता, कैथल : दैनिक जागरण की ओर से चलाए गए पराली का समाधान है समझदारी अभियान के तहत सोमवार को सेक्टर-18 में चौपाल कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यातिथि के रूप में कृषि उपनिदेशक डा.कर्मचंद ने शिरकत की। कार्यक्रम में किसानों को अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण को लेकर खेतों में अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में किसानों ने काफी रुचि दिखाई और पर्यावरण संरक्षण को लेकर खेतों में फसल अवशेष न जलाने की शपथ भी ली। कृषि विभाग के उपनिदेशक डा.कर्मचंद ने बताया कि धान के फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। खेत की उर्वरता शक्ति कमजोर होती है। किसानों को फसल अवशेष का प्रबंधन कृषि यंत्रों द्वारा किया जाना चाहिए। खेत में फसल अवशेषों को मिलाने से जमीन को यूरिया खाद की कम जरूरत पड़ती है। आगामी फसल की पैदावार अच्छी निकलती है। इसलिए फसल अवशेषों को जलाने की जगह उसका समाधान करना चाहिए। कृषि यंत्र विभाग द्वारा अनुदान पर दिए जा रहे है।

किसान जागरूक होगा तो समस्या होगी दूर : सुशील

रोहेड़िया निवासी किसान सुशील सिंह ने कहा कि धान के अवशेष जलाने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। ऐसी समस्या को समाप्त करने के लिए दैनिक जागरण सामाजिक सरोकार की भूमिका निभा रहा है, जो बेहद सराहनीय है। हर किसान जागरूक होगा तो इस समस्या पर अंकुश लग पाएगा। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण का यह सराहनीय प्रयास है और उन्हें उम्मीद है कि इससे किसानों में अवश्य ही जागरूकता आएगी।

पराली जलाने से खेत को होता है नुकसान : निशान

किसान निशान सिंह फरल ने कहा कि वे हर साल धान का उत्पादन करते हैं, लेकिन कभी भी फसल अवशेष नहीं जलाते। पराली जलाने से पर्यावरण के साथ खेत की जमीन को भी भारी नुकसान होता है। इससे जमीन के उपजाऊपन पर विपरीत असर पड़ता है। पराली को कभी भी नहीं जलाना चाहिए। इसे खेत में ही प्रयोग करें तो जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। बड़ी संख्या में मित्र कीट भी जलने से बच जाते हैं, जो हमारी फसल के लिए आवश्यक होते हैं।

अभियान बेहद सराहनीय व समाज हित में : सुखजीत

किसान सुखजीत सिंह ने कहा कि फसल अवशेष न जलाने को दैनिक जागरण का अभियान बेहद सराहनीय व समाज हित में है। ऐसी पहल हर संस्था को करनी चाहिए ताकि इस समस्या को पूरी तरह से निपटाया जा सके। कृषि विभाग को भी इसके लिए अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए। धान कटाई के दौरान नहीं, बल्कि रोपाई के समय से ही इस प्रकार के जागरूकता अभियान शुरू करने चाहिए तो सरकार को भी ओर अधिक सख्ती बरतने की जरूरत है।

आठ साल से फसल अवशेष नहीं जलाए : प्रदीप

किसान प्रदीप सिंह सौंगरी ने बताया कि वे आठ साल से फसल अवशेषों को नहीं जला रहे हैं। मशीनों द्वारा फसल का अवशेष प्रबंधन करते हैं। उनका कहना है कि खेत में आग लगाने से जमीन की उर्वरता शक्ति कमजोर हो रही है। कृषि विभाग से अनुदान पर कृषि यंत्र लेकर फसल अवशेष प्रबंधन किया है।

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