बच्चों को सिख इतिहास की जानकारी दें माता-पिता : गुरविद्र सिंह

दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी गुरविद्र सिंह ने कहा कि मां-बाप बच्चों को सिख इतिहास और गुरुओं की कुर्बानियों बारे में शिक्षा दें। मोबाइल के बढ़ते प्रभाव के चलते युवा पीढ़ी भटक रही है। भावी पीढ़ी को संभालने के लिए ज्यादा से ज्यादा गुरमत प्रचार करने की जरूरत है। गुरविद्र सिंह कांगथली में एसजीपीसी के सहयोग से शुरू की गई गुरमत संगीत अकादमी के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 10:06 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 10:06 PM (IST)
बच्चों को सिख इतिहास की जानकारी दें माता-पिता : गुरविद्र सिंह
बच्चों को सिख इतिहास की जानकारी दें माता-पिता : गुरविद्र सिंह

जागरण संवाददाता, कैथल : दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी गुरविद्र सिंह ने कहा कि मां-बाप बच्चों को सिख इतिहास और गुरुओं की कुर्बानियों बारे में शिक्षा दें। मोबाइल के बढ़ते प्रभाव के चलते युवा पीढ़ी भटक रही है। भावी पीढ़ी को संभालने के लिए ज्यादा से ज्यादा गुरमत प्रचार करने की जरूरत है। गुरविद्र सिंह कांगथली में एसजीपीसी के सहयोग से शुरू की गई गुरमत संगीत अकादमी के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। मंजी साहिब गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी साहब सिंह ने कहा कि प्रबंधक यशपाल सिंह ने प्रचार के मामले में पिछड़े इलाके के बच्चों को निस्वार्थ सिख इतिहास से जोड़ने का बीड़ा उठाया है।

कस्बा स्तर शुरु की अकादमी में बच्चों को शाम 4 से 6 बजे तक गुरुबाणी ज्ञान, शब्द कीर्तन, तबला बजाने व पगड़ी बांधनी सिखाई जाएगी। एसजीपीसी मैनेजर रुपिद्र सिंह ने बताया कि दमदमा साहिब से प्रो. प्रभजोत सिंह कीर्तन, पटियाला से अमरिद्र सिंह तबला सिखाएंगे। ग्रंथी साहब सिंह गुरुबाणी की शिक्षा देंगे और सभी ये सेवा निस्वार्थ करेंगे। अभिभावक इस बारे में बच्चों को प्रेरित करें। एसजीपीसी सिख इतिहास के बारे में निशुल्क लिट्रेचर भी उपलब्ध कराएगी। इस मौके पर एसजीपीसी के प्रचारक रणजीत सिंह, शेर सिंह, सुरेंद्र सिंह, गुरप्रीत सिंह आदि उपस्थित थे।

पंजीकृत श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किया जा रहा है लाभ

जागरण संवाददाता, कैथल: डीसी सुजान सिंह ने कहा कि हरियाणा भवन एवं सन्निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को विभिन्न सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा श्रमिकों को बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता, विधवा पेंशन, मातृत्व लाभ, पितृत्व लाभ, औजार खरीदने के लिए उपदान, मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना, सिलाई मशीन योजना, साइकिल योजना, कन्यादान योजना, मुफ्त भ्रमण योजना, अक्षम बच्चों को वित्तीय सहायता, दिव्यांग सहायता व पेंशन, चिकित्सा सहायता, मकान की खरीद व निर्माण के लिए ऋण, पेंशन योजना, पारिवारिक पेंशन, मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना, मृत्यु सहायता, दाह संस्कार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग के अधीन इस बोर्ड द्वारा श्रमिक की तीन बेटियों तक कन्यादान के लिए 51,000 रुपये, विधवा पेंशन के तहत दो हजार रुपये प्रति माह, मातृत्व लाभ के लिए 36 हजार रुपये, पितृत्व लाभ के लिए 21 हजार रुपये, कामगारों को पांच वर्ष में एक बार नए औजार के लिए आठ हजार रुपये, पंजीकृत महिला कामगारों के लिए उनकी सदस्यता के नवीनीकरण के समय साड़ी, सूट, चप्पल, रेन कोट, छात्ता, रबड़ मैट्रेस, किचन के बर्तन एवं स्वास्थ्यप्रद नैपकिन खरीदने के लिए 5100 रुपये, बोर्ड द्वारा महिला श्रमिक को केवल एक बार सिलाई मशीन प्रदान की जाती है।

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