पराली जलाने पर रोक लगाने वाली पंचायत को मिलेगा दस लाख का पुरस्कार:एसडीएम वसुंधरा

एसडीएम शशि वसुंधरा ने किसानों से धान की पराली में आग नहीं लगाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसान धान की कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबंधन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:25 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:25 AM (IST)
पराली जलाने पर रोक लगाने वाली पंचायत को  मिलेगा दस लाख का पुरस्कार:एसडीएम वसुंधरा
पराली जलाने पर रोक लगाने वाली पंचायत को मिलेगा दस लाख का पुरस्कार:एसडीएम वसुंधरा

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका: एसडीएम शशि वसुंधरा ने किसानों से धान की पराली में आग नहीं लगाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसान धान की कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबंधन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। सरकार द्वारा अनुदान पर कॉमन हायरिग सेंटरों व व्यक्तिगत मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं, जिसके माध्यम से किसान आसानी से फसल अवशेष प्रबंधन का कार्य कर सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायतों व स्वयं सहायता की महिला ग्रुप को भी मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। फसल अवशेष प्रबंधन करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। ऐसा करके पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ हम अपनी आने वाली पीढि़यों को स्वच्छ वातावरण व प्राकृतिक संसाधन दे सकते हैं। ग्राम सभाओं के माध्यम से किसानों को फाने नहीं जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो भी ग्राम पंचायत अपने गांव के किसानों को धान के फाने जलाने से पूरी तरह से रोकने में सफल होगी, उसको सरकार की तरफ से दस लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार दिया जाएगा। इसी प्रकार से दूसरे नंबर पर रहने वाली पंचायत को पांच लाख रुपये व तीसरे नंबर पर रहने वाली ग्राम पंचायत को तीन लाख रुपये इनाम के रूप में दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों में आग लगाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दो एकड़ तक के धान अवशेष जलाते हुए पाए जाने पर 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ तक 5 हजार रुपये व पांच एकड़ से अधिक पर 15 हजार रुपये प्रति घटना जुर्माना या फिर उसके खिलाफ एफआइआर करवाई जा रही है।

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