राइस मिलरों की मांग पूरी होने के बाद ही मंडियों से होगी खरीद : मित्तल

अनाज मंडियों में पीआर धान की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। इससे किसान और आढ़तियों में रोष है। आढ़तियों का कहना है कि जब तक खरीद एजेंसियां राइस मिलरों को साथ लेकर मंडियों में नहीं आएंगी तब तक वे खरीद का कार्य शुरू नहीं करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 06:11 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 06:11 AM (IST)
राइस मिलरों की मांग पूरी होने के बाद  ही मंडियों से होगी खरीद : मित्तल
राइस मिलरों की मांग पूरी होने के बाद ही मंडियों से होगी खरीद : मित्तल

जागरण संवाददाता, कैथल : अनाज मंडियों में पीआर धान की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। इससे किसान और आढ़तियों में रोष है। आढ़तियों का कहना है कि जब तक खरीद एजेंसियां राइस मिलरों को साथ लेकर मंडियों में नहीं आएंगी तब तक वे खरीद का कार्य शुरू नहीं करेंगे। वहीं राइस मिलरों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तब तक वे मंडियों से माल नहीं खरीदेंगे। राइस मिलर एसोसिएशन के जिला प्रधान सचिन मित्तल ने बताया कि सरकार वर्ष 2019-20 के रूके हुए बिलों को तुरंत प्रभाव से लागू करें। राइस मिलरों पर होलडर्स चार्ज नहीं लगाया जाए। धान के बदले कोई भी प्रोपर्टी गिरवी नहीं रखी जाएगी।

17 प्रतिशत तक नमी वाली धान को खरीदकर मिलों तक पहुंचाया जाए। मिलर्स से बारदाना पहले की तर्ज पर 50 प्रतिशत लिया जाए। मिलिग के रेट प्रति क्विटल 100 रुपये किए जाएं, धान का मंडियों से सैंपल लेकर कस, टूकड़ा, डैमेज व डिस्कलर की मात्रा पांच-पांच प्रतिशत निर्धारित की जाए। मित्त्ल ने बताया कि जो मंडियां बॉर्डर पर हैं, उनके साथ लगते दूसरे राज्यों के किसानों का रजिस्ट्रेशन हरियाणा के किसानों के साथ किया जाए। जब तक राइस मिलरों की यह मांगें सरकार पूरा नहीं करेगी तब तक वे मंडियों से धान नहीं खरीदेंगे।

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