भूमि की उर्वरा शक्ति के लिए फसल अवशेष प्रबंधन आवश्यक : डा.रमेश
कैथल बीपीआर राजकीय बहुतकनीकी संस्थान शेरगढ़ में कृषि विज्ञान केंद्र कैथल द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर पेटिग संवाद निबंध व स्लोगन लेखन प्रतियोगिता आयोजन करवाया गया। केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डा. रमेश वर्मा मुख्य रूप से पहुंचे।
जागरण संवाददाता, कैथल : बीपीआर राजकीय बहुतकनीकी संस्थान शेरगढ़ में कृषि विज्ञान केंद्र कैथल द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर पेटिग, संवाद, निबंध व स्लोगन लेखन प्रतियोगिता आयोजन करवाया गया। केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डा. रमेश वर्मा मुख्य रूप से पहुंचे। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
उन्होंने बताया कि भूमि की उर्वरक शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन बहुत ही आवश्यक है। फसल अवशेषों को जलाने से वायु प्रदूषण होता है। जमीन के पोषक तत्व नष्ट होते है। इससे धरती बंजर भी हो सकती है। बीपीआर राजकीय बहुतकनीकी संस्थान के प्रधानाचार्य डा. आशीष मेहता ने कहा कि केंद्र वैज्ञानिकों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। विद्यार्थी घर पर जाकर अपने माता- पिता व आस पड़ोस की सभी सदस्यों को जागरूक करें। डा. मेहता ने संस्थान में प्रोग्राम आयोजित करने तथा बच्चों को जागृत करने के लिए केंद्र के वैज्ञानिकों का धन्यवाद किया। केंद्र के वैज्ञानिक डा. जसबीर सिंह ने बताया कि उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन बहुत ही आवश्यक है। फसल अवशेषों को जलाने से वायुमंडल में प्रदूषण होता है। जमीन के पोषक तत्व नष्ट होते हैं। इससे धरती बंजर भी हो सकती है।
ये रहे परिणाम
पेंटिग में लालू ने पहला, राहुल ने दूसरा व अभिषेक तृतीय पुरस्कार जीता। स्लोगन लेखन में विकास प्रथम, सुहानी द्वितीय तथा देव तृतीय, संवाद अकुंश प्रथम, अंकुश शर्मा द्वितीय तथा जलज तृतीय तथा निबंध लेखन में जलज प्रथम, तरुण द्वितीय व विशांत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस मौके पर डा. संजय कुमार, राजकीय बहुतकनीकी संस्थान के स्टाफ सदस्य कुणाल गोयल, राजबीर सिंह व अंजू मौजूद थी।