मनरेगा मजदूरों को जातियों में बांटने की योजना का किया विरोध
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से मनरेगा में जारी की गई एडवाइजरी के खिलाफ खेत मजदूर यूनियन व दलित अधिकार मंच के सदस्यों ने जिला परिषद में धरना दिया।
जागरण संवाददाता, कैथल : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से मनरेगा में जारी की गई एडवाइजरी के खिलाफ खेत मजदूर यूनियन व दलित अधिकार मंच के सदस्यों ने जिला परिषद में धरना दिया। कृष्ण शेरगढ़ व चांदीराम की अध्यक्षता में डीसी के माध्यम से केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा गया। जिला सचिव प्रेम चंद ने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में अलग-अलग राज्यों व केंद्र शासित राज्यों में मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान जातिवाइज यानि एससी, एसटी व अन्य श्रेणियों में विभाजित करने के लिए कहा है, जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मजदूरों की अलग अलग श्रेणियां होंगी और उनके लिए अलग-अलग फंड ट्रांसफर आर्डर श्रम बजट होगा। समान मजदूरी के हकदार श्रमिकों को विभिन्न जाति श्रेणियों में विभाजित करने का कोई औचित्य नहीं बनता। केवल मजदूरी के भुगतान पर प्रतिकूल या खराब प्रभाव पड़ेगा। सुषमा देवी, रोशनी देवी ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की एडवाइजरी को सरकार तुरंत वापस ले, 100 दिन की बजाय 200 दिन रोजगार दिया जाए। मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी 600 रुपये दैनिक की जाए, मनरेगा में श्रमिकों के खिलाफ छेड़छाड़ को बंद किया जाए, मनरेगा नियमों की पालना करते हुए आवेदन करने के बाद 15 दिनों के तहत काम दिया जाए।
सर्व कर्मचारी संघ 25 को करेगा प्रदर्शन
जासं, कैथल : स्वास्थ्य को मौलिक अधिकारों में शामिल करवाने सहित अन्य मांगों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ 25 जून को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगा। सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव रामपाल शर्मा, शिवचरण, सीनू बेनीवाल व जिला संयोजक शकुंतला शर्मा ने बताया कि मुख्य मांगों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार देने, सभी नागरिकों को कोविड वैक्सीन का मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी। इस मौके पर जिला सहसचिव ओमपाल भाल, सुरेश उचाना, सीटू के जिला कैशियर जयप्रकाश शास्त्री, जिला प्रधान सतपाल आनंद ने बताया कि प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बदतर बनी हुई है।