अब आरटीए कार्यालय में बनेंगे कंडक्टर के लाइसेंस
अब आरटीए कार्यालय विभाग की तरफ से कंडक्टर के लाइसेंस बनाए जाएंगे। इससे पहले यह लाइसेंस एसडीएम कार्यालय की ओर से बनाए जाते थे। बता दें कि अब तक आरटीए कार्यालय में केवल हैवी लाइसेंस और वाहनों की पासिग की जाती थी लेकिन अब कंडक्टर के लाइसेंस बनाने का कार्य भी आरटीए कार्यालय को ही सौंपा गया है।
सोनू थुआ, कैथल: अब आरटीए कार्यालय विभाग की तरफ से कंडक्टर के लाइसेंस बनाए जाएंगे। इससे पहले यह लाइसेंस एसडीएम कार्यालय की ओर से बनाए जाते थे। बता दें कि अब तक आरटीए कार्यालय में केवल हैवी लाइसेंस और वाहनों की पासिग की जाती थी, लेकिन अब कंडक्टर के लाइसेंस बनाने का कार्य भी आरटीए कार्यालय को ही सौंपा गया है।
इससे पहले एसडीएम ऑफिस से लाइसेंस बनते आ रहे है। सरकार ने अधिसूचना जारी कर आरटीए कार्यालय को परिचालक लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए हैं। रोडवेज व प्राइवेट बसों में कंडक्टर लगने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। जब सरकार द्वारा वेकेंसी निकाली जाती है तो हजारों की संख्या में आवेदन कंडक्टर के लाइसेंस के लिए आते हैं। फिलहाल जिले में करीब 3500 के करीब युवाओं ने कंडक्टर के लाइसेंस बनवा रखे हैं।
बाक्स-
इस चीज की होती है जरूरत
कंडक्टर का लाइसेंस बनवाने के लिए पहले रेड क्रॉस सोसायटी से फर्स्ट एड सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है। उसके बाद इस प्रमाण पत्र के साथ आवेदक का फोटो, मेडिकल, परिचालक लाइसेंस का आवेदन और फीस जमा करवानी होती है। वहीं पर फोटो खिचवाना पड़ता है, जिसके बाद परिचालक का लाइसेंस जारी होता है। पांच साल के लिए बनता है लाइसेंस
कंडक्टर का लाइसेंस पांच साल तक मान्य होता है। इसके बाद उसको रिन्यू करवाना पड़ता है। अब पुराना लाइसेंस भी आरटीए विभाग द्वारा रिन्यू किया जाएगा। रिन्यू करवाने के लिए आवेदक 10वीं कक्षा की अंक तालिका की फोटो कॉपी, आधार कार्ड, एसडीएम कार्यालय द्वारा जारी किया गया असली परिचालक लाइसेंस व एनओसी को आरटीए कार्यालय में जमा करवाना होगा। फिर कंडक्टर लाइसेंस जारी किया जाएगा।
बाक्स-
पूरे देश में मान्य होगा
आरटीए विभाग द्वारा जारी लाइसेंस पूरे देश में मान्य होगा। वहीं एसडीएम ऑफिस द्वारा जारी कंडक्टर लाइसेंस पूर देश में मान्य नहीं होता था लेकिन आरटीए द्वारा जारी लाइसेंस पर इंडियन परिचालक लाइसेंस लिखा होगा, जो पूरे देश में मान्य होगा। इसकी वैधता बैच नंबर के हिसाब से 3 से 5 साल तक होगी। दूसरे प्रदेशों में निकली वेकेंसी में भी यही लाइसेंस मान्य होगा।
वर्जन-
आरटीए विभाग बनाएगा कंडक्टर लाइसेंस : एडीसी एडीसी सतबीर कुंडू ने बताया कि कंडक्टर लाइसेंस पहले एसडीएम कार्यालय द्वारा बनाए जाते थे, लेकिन अब इन्हें आरटीए कार्यालय द्वारा बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार की तरफ से आरटीए कार्यालय को अधिसूचना जारी कर दी है, जिस पर काम शुरू हो गया है। अब आगे जितने भी कंडक्टर के लाइसेंस बनेंगे, वह आरटीए विभाग में ही बनेंगे।