नई पहल: गुहणा के किसानों ने 400 एकड़ में की धान की सीधी बिजाई
कम हो रहे भू-जल स्तर से चितित गांव गुहणा के किसानों ने धान की सीधी बिजाई की है। जल बचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों से की जा रही अपील को किसानों ने आने वाली पीढि़यों के लिए बड़ा संदेश माना।
सोनू थुआ, कैथल : कम हो रहे भू-जल स्तर से चितित गांव गुहणा के किसानों ने धान की सीधी बिजाई की है। जल बचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों से की जा रही अपील को किसानों ने आने वाली पीढि़यों के लिए बड़ा संदेश माना। जिसे अपनाते हुए गांव के करीब 100 किसानों ने 400 एकड़ में धान की सीधी बिजाई कर दी है। किसानों की इस जागरुकता से एक तरफ जहां पानी की बचत होगी वहीं दूसरी तरफ धान रोपाई के समय मजदूर न मिलने की समस्या से भी निजात मिल गई है। धान की सीधी बिजाई से किसानों को पानी, समय और रुपये की एकसाथ बचत हुई। अब उत्साहित किसान दूसरे किसानों को भी सीधी बिजाई करने का अभियान चलाने की बात कह रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनकी यह पहल आने वाली पीढि़यों के लिए जल संरक्षित करने में अहम योगदान निभाएगी।
विभाग कर रहा सीधी बिजाई को जागरुक
कृषि विभाग धान की सीधी बिजाई करने पर जोर दे रहा है। धान की सीधी बिजाई करने से किसानों के समय और धन दोनों की बचत होती है। विशेषज्ञों का मानना है धान की सीधी बिजाई के लिए खेत का समतल होना बहुत जरूरी है। बिजाई के बाद कई दिनों तक कहीं पर पानी खड़ा रहा तो वहां जमाव नहीं होता। इसलिए किसानों को लेजर लेवलर से जमीन को समतल कराना होगा। मशीन से एक से डेढ़ इंच गहराई तक धान की बिजाई करनी होती है। गुहणा के किसानों ने विभाग की सभी बातों को माना और विशेषज्ञों के दिशा निर्देश अनुसार धान की सीधी बिजाई की।
यह कहना है किसानों का
किसान सुभाष, रामनिवास, रणधीर ने कहा कि उन्होंने धान की सीधी बिजाई की है। कुछ समय पहले गांव में कृषि विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। अधिकारियों ने किसानों को जल संरक्षण व धान की सीधी बिजाई के फायदे बताए। इसलिए उन्होंने सीजन की शुरूआत में ही धान की सीधी बिजाई करने का मन बना लिया था। इस बार लाकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर नहीं मिल रहे हैं। धान रोपाई करवाना बड़ा महंगा पड़ रहा है। धान की सीधी बिजाई से उन्हें समय और रुपये की बचत हुई। उनकी इस पहल से जल संरक्षण भी होगा।
किसानों को प्रेरित करने का दिख रहा परिणाम : डीडीए
कृषि विभाग के उप निदेशक कर्मचंद ने बताया कि धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे हैं। गुहणा में 400 एकड़ से ज्यादा में धान की सीधी बिजाई की गई है। दूसरे किसानों को भी इन किसानों से प्रेरणा लेनी चाहिए।