रिहायशी कालोनियों में बनी पशु डेयरी संचालकों पर कार्रवाई करेगी नप

जागरण संवाददाता कैथल शहर की रिहायशी कालोनियों में चल रही पशु डेयरियों के खिलाफ न

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 06:47 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 06:47 AM (IST)
रिहायशी कालोनियों में बनी पशु डेयरी  संचालकों पर कार्रवाई करेगी नप
रिहायशी कालोनियों में बनी पशु डेयरी संचालकों पर कार्रवाई करेगी नप

जागरण संवाददाता, कैथल: शहर की रिहायशी कालोनियों में चल रही पशु डेयरियों के खिलाफ नगर परिषद ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। नप की ओर से सभी डेयरियों का आंकड़ा तैयार कर लिया गया है। पहले डेयरी संचालकों को नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस के बाद भी डेयरी बंद नहीं करने पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना नहीं भरने वाले संचालकों के खिलाफ स्थानीय कोर्ट में केस किया जाएगा। सरकार के निर्देशानुसार पशु डेयरियों को रिहायशी कालोनियों से हटवाना है।

इस बारे में शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से नगर परिषद को पत्र भी भेजा गया था। नप को कार्रवाई करने के बाद विभाग को रिपोर्ट भी देनी होगी। हालांकि करीब डेढ़ साल पहले भी नप की ओर से डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन उस समय पशु डेयरियों को हटाया नहीं जा सका था। शहर में जो भी पशु डेयरी चल रही हैं, वे बिना अनुमति के ही चल रही हैं। नियम के अनुसार शहर से बाहर डेयरी खोली जा सकती है, जिससे लोगों को परेशानी ना हो।

शहर में हैं 224 पशु डेयरियां

शहर की विभिन्न कालोनियों में 224 पशु डेयरियां बनी हुई हैं। ये डेयरियां अमरगढ़ गामड़ी, प्रताप गेट, चंदाना गेट, पाडला रोड, शक्ति नगर, वाल्मिकी चौक, डोगरा गेट, अंबेडकर चौक, सुभाष नगर में बनी हुई हैं।

बॉक्स :सीवरेज और नालियां हो जाती हैं बंद

पशु डेयरियों के कारण मुख्य समस्या सीवरेज और नालियां बंद होने की है। पशुओं का गोबर गलियों में बह कर सीवरेज में चला जाता है। कुछ ही दिनों बाद सीवरेज ब्लाक हो जाते हैं, जिस कारण सीवरेज का गंदा पानी गलियों में जमा हो जाता है। नालियों में गोबर जमा होने से पानी की निकासी रुक जाती है। बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा जलभराव जहां पशु डेयरी बनी होती हैं,वहीं होता है।

मच्छर होते हैं पैदा

डेयरियों के आस-पास साफ-सफाई ठीक से नहीं रहती है। इसके कारण वहां बीमारी फैलाने वाले मच्छर पैदा हो जाते हैं। मच्छरों के कारण आस-पास के लोग बीमार हो जाते हैं। जगह नहीं होने के कारण डेयरी संचालक खुले में ही गोबर डाल देते हैं, जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। इसके अलावा डेयरी संचालक गलियों में ही पशुओं को बांध देते हैं, जिससे वाहन चालकों को भी परेशानी होती है।

डेयरी संचालकों पर होगी कार्रवाई

नगर परिषद के सुपरिटेंडेंट नरेंद्र शर्मा ने बताया कि रिहायशी कालोनियों में चल रही डेयरी संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी। सभी डेयरियों की पहचान की जा रही है। पहले उन्हें नोटिस दिया जाएगा और उसके बाद पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

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