ओपीडी में लंबा इंतजार, गर्भवती महिलाएं परेशान

जागरण संवाददाता कैथल जिला नागरिक अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए काफी परेशा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 05:47 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 05:47 PM (IST)
ओपीडी में लंबा इंतजार, गर्भवती महिलाएं परेशान
ओपीडी में लंबा इंतजार, गर्भवती महिलाएं परेशान

जागरण संवाददाता, कैथल : जिला नागरिक अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मात्र एक महिला चिकित्सक ही ओपीडी में कार्यरत हैं, जबकि रोजाना ओपीडी 200 से ज्यादा की रहती है। कुल सात पदों में से मात्र दो चिकित्सक ही कार्यरत हैं, इनमें से डा. रेनू चावला पीएमओ का कार्यभार भी देख रही है, वहीं एक चिकित्सक लेबर रूम में रहती है। एमबीबीएस महिला चिकित्सक डा. दिव्या ओपीडी देख रही है। गर्भवती महिलाओं को जांच से लेकर इलाज तक दो से ढ़ाई घंटे तक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सकों की कमी के कारण 11 बजे के बाद गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया जा रहा है, अगले दिन महिलाओं को जांच के लिए आना पड़ता है।

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ओपीडी के लिए मात्र एक चिकित्सक, डेढ़ से दो घंटे में पड़ता है नंबर

जांच के लिए पहुंची गर्भवती महिलाओं ने बताया कि पूरा दिन लाइनों में ही निकल जाता है। अस्पताल में प्रवेश करते ही पहले रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी कतार, फिर बीपी व वजन की जांच के लिए फिर चिकित्सक को दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। अगर अल्ट्रासाउंड लिख दिया तो फिर से लाइन में समय बीत जाता है। इस तरह से पूरा दिन ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। ओपीडी में मात्र एक चिकित्सक होने के कारण महिलाएं बाहर खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करती रहती हैं, मुश्किल से डेढ़ से दो घंटे में नंबर पड़ता है। महिलाओं ने बताया कि इंतजार न करना पड़ा इसलिए सुबह घर से जल्दी निकलना पड़ता है, फिर भी कई बार चिकित्सक के ओपीडी में न मिलने से दिनभर इंतजार करना पड़ता है।

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गायिनी में छह डाक्टरों की जरूरत, कार्यरत सिर्फ तीन

अस्पताल के गायिनी विभाग में इस समय तीन चिकित्सक हैं। एक चिकित्सक का यहां से ट्रांसफार्मर होने, एक चिकित्सक के विभाग से नौकरी छोड़ने व एक कंसलटेंट चिकित्सक को रिलीव करने के बाद से मात्र तीन चिकित्सक ही कार्यरत हैं। तीन चिकित्सकों में डा. रेनू चावला पीएमओ का कार्यभार भी देख रहे हैं। वहीं डा. दिव्या ओपीडी करती हैं। एक चिकित्सक की ड्यूटी लेबर रूम में रहती है। महिला चिकित्सक कम होने के कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गायिनी वार्ड ही नहीं बल्कि दूसरे विभागों के चिकित्सकों के भी काफी पद रिक्त पड़े हुए हैं। बाल रोग विशेषज्ञ भी कम है, वहीं बेहोशी का चिकित्सक न होने से बाहर से डाक्टर बुलाकर आप्रेशन करने पड़ रहे हैं।

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कार्यकारी पीएमओ डा. रेनू चावला ने बताया कि गायिनी में चिकित्सकों की कमी के कारण परेशानी आ रही है। वे स्वयं व डेपुटेशन में लगाए गए डाक्टरों की नियुक्त के बावजूद परेशानी कम नहीं हो रही है। रोजाना कई सिजेरियन व डिलीवरी भी हो रही हैं। पूरी जिम्मेदारी उनके व डेपुटेशन पर मिली चिकित्सकों के पास है। बिना छुट्टी लिए डाक्टर काम कर रहे हैं। रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर सीनियर अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।

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