जिला नागरिक अस्पताल में बीमारियों के इलाज को लेकर लंबा इंतजार

स्थान जिला नागरिक अस्पताल समय 11 बजे। अस्पताल में प्रवेश करते ही रजिस्ट्रेशन को लेकर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 11:25 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 11:25 PM (IST)
जिला नागरिक अस्पताल में बीमारियों के इलाज को लेकर लंबा इंतजार
जिला नागरिक अस्पताल में बीमारियों के इलाज को लेकर लंबा इंतजार

कैथल : स्थान जिला नागरिक अस्पताल, समय 11 बजे। अस्पताल में प्रवेश करते ही रजिस्ट्रेशन को लेकर लोगों की भीड़ लगी थी। इस दौरान न तो दो गज की दूरी का ख्याल रखा जा रहा है और न ही किसी के चेहरे पर मास्क नजर आ रहा है। कोरोना नियमों को लेकर किसी भी तरह की सावधानी नहीं बरती जा रही है। वहीं रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ओपीडी के बाहर लोग पहुंचते हैं तो यहां भी लंबी कतार लगी हुई नजर आई। मौसम में बदलाव के बाद ओपीडी पहले से ज्यादा बढ़ी है। 1300 से 1400 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। काला पीलिया बीमारी के इलाज को लेकर हो या बुखार के मरीजों की कतार ओपीडी के बाहर लगी हुई नजर आई। सिविल अस्पताल में ओपीडी तो बढ़ रही है, लेकिन डाक्टरों की कमी लोगों को खल रही है। दो माह पहले सात डाक्टर डेपुटेशन पर सिविल अस्पताल कैथल में आए थे, समय अवधि पूरी होने के बाद वापस चले गए हैं। इनमें रेडियोलाजिस्ट भी थी। पांच साल बाद अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू हुई, लेकिन अब डाक्टर के वापस चले जाने के बाद फिर से यह सुविधा बंद हो गई है।

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11 बजे के बाद अस्पताल में नहीं होती बीमारियों की जांच

जिला नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए आए श्याम लाल ने बताया कि अस्पताल में इलाज को लेकर काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है। पहले तो ओपीडी में नंबर आने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा। चिकित्सक ने खून की जांच करवाने को लिखा। जब लैब में पहुंचा तो यहां जवाब मिला अब समय हो गया है, कल आना। मंगलवार को फिर से अस्पताल सैंपल देने के लिए आना पड़ेगा। सैंपल लेने का समय बढ़ाना चाहिए, ताकि लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न आए।

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अस्पताल में मात्र एक बाल रोग विशेषज्ञ

जिला नागरिक अस्पताल में मात्र एक बाल रोग विशेषज्ञ है। उक्त चिकित्सक पर काला पीलिया की बीमारी का भी कार्यभार दिया गया है। बच्चे के इलाज को लेकर अस्पताल आए मुकेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में इलाज की सुविधा है, लेकिन चिकित्सक कम होने के कारण काफी दिक्कत आती है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विभाग की तरफ से तैयारियां की जा रही है, लेकिन एक बाल रोग विशेषज्ञ के भरोसे अस्पताल चल रहा है। बाल रोग विशेषज्ञों की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए।

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दो कंसलटेंट डाक्टरों की दोबारा से हुई नियुक्त

सेवानिवृति के बाद सिविल अस्पताल में छह कंसलटेंट डाक्टर सेवाएं दे रहे थे, लेकिन 30 सितंबर को इन डाक्टरों को सेवा से मुक्त कर दिया था। विभाग की तरफ से दोबारा से इन डाक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। सोमवार को दो डाक्टरों की नियुक्ति हो चुकी है। इनमें डाक्टर आरडी चावला व डाक्टर डीसी ठुकराल शामिल है। वहीं, बेहोशी के डाक्टर ओमप्रकाश की नियुक्ति शाहाबाद के सरकारी अस्पताल में हुई है। अब जिला नागरिक अस्पताल में बेहोशी का कोई चिकित्सक नहीं है। इससे आप्रेशन को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बाहर से बेहोशी के चिकित्सक को बुलाना पड़ेगा। अन्य चार कंसलटेंट डाक्टरों की नियुक्ति अभी होनी है। सिविल अस्पताल में अब 18 के करीब चिकित्सक ही कार्यरत हैं, जबकि स्वीकृत पद 56 हैं।

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कार्यकारी पीएमओ डा. रेनू चावला ने बताया कि चिकित्सकों के रिक्त पदों को लेकर सीनियर अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। अब जितने चिकित्सक हैं, उनसे ही काम चलाया जा रहा है।

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