जल प्रहरी बनीं महिला सरपंच कुलविद्र कौर,कर रही जागरूक
चीका के गांव रत्ताखेड़ा-घड़ाम की महिला सरपंच कुलविद्र कौर जल प्रहरी बनी हैं। गांव में छोटी सी पंचायत हैं और यहां पर केवल करीब 150 से 170 घर ही है। यह सरपंच स्वयं अपने गांव के लोगों को जागरूक कर रही हैं। इसका नतीजा है कि गांव में हर व्यक्ति पानी बचाने को लेकर काफी जागरूक है। गांव में सभी लोग पानी का बिल लगातार भर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : चीका के गांव रत्ताखेड़ा-घड़ाम की महिला सरपंच कुलविद्र कौर जल प्रहरी बनी हैं। गांव में छोटी सी पंचायत हैं और यहां पर केवल करीब 150 से 170 घर ही है। यह सरपंच स्वयं अपने गांव के लोगों को जागरूक कर रही हैं। इसका नतीजा है कि गांव में हर व्यक्ति पानी बचाने को लेकर काफी जागरूक है। गांव में सभी लोग पानी का बिल लगातार भर रहे हैं।
कुलविद्र कौर का कहना है कि वह पानी बचाने को लेकर अपने लिए नहीं, बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए कार्य कर रही है। जिसको लेकर वह लगातार कार्य कर रही हैं। कुलविद्र ने कहा कि इस समय पानी बचाएंगे तो हमारा भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। ऐसे में जल संरक्षण करना काफी जरूरी है।
लोगों को करतीं है जागरूक
जल प्रहरी बनी महिला सरपंच कुलविद्र कौर ने जहां पानी बचाने के लिए गांव में विभिन्न कार्य करवाए हैं। गांव में एक भी ऐसा घर नहीं है, जहां पर नल पर टेप न लगा हो। इसके साथ ही पानी का बिल भरने भी यह गांव काफी अव्वल रहा है। वहीं, वह स्वयं भी अपने गांव के लोगों को जागरूक करती हैं। सरपंच द्वारा किए जा रहे कार्य के तहत इसे जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। यहां पर वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की टीम भी दौरा कर चुकी है।
जिले में सबसे बेहतरीन काम करने वाला गांव :
जनस्वास्थ्य विभाग के जिला सलाहकार दीपक कुमार ने बताया कि चीका खंड के गांव रत्ताखेड़ा-घड़ाम की पंचायत ही एकमात्र ऐसी पंचायत है, जो पूरे जिले में जल संरक्षण को लेकर बेहतरीन कार्य कर रही है। जो काफी सराहनीय है।