मनोरंजन स्थल पर जलभराव, बच्चों के झूले लगाने में होगी देरी
ऐतिहासिक फल्गु तीर्थ पर मंगलवार को आधी-अधूरी तैयारी के बीच मेला शुरू हो जाएगा। मेले का मुख्य आकर्षण मनोरंजन स्थल अभी भी पानी में डूबा हुआ है। इसलिए इस बार झूले लगने में देरी हो सकती है, क्योंकि झूले वालों ने झूले लगाने के लिए जहां जगह ली है, वहां पानी जमा है।
संवाद सहयोगी, पूंडरी : ऐतिहासिक फल्गु तीर्थ पर मंगलवार को आधी-अधूरी तैयारी के बीच मेला शुरू हो जाएगा। मेले का मुख्य आकर्षण मनोरंजन स्थल अभी भी पानी में डूबा हुआ है। इसलिए इस बार झूले लगने में देरी हो सकती है, क्योंकि झूले वालों ने झूले लगाने के लिए जहां जगह ली है, वहां पानी जमा है। पानी सूखने तक वहां झूले लगाना संभव नहीं है। इसके चलते अभी तक झूले वालों ने अपना सामान ट्रकों से भी नहीं उतारा है। कई दिनों से झूले लगने का इंतजार में बैठे बच्चों को निराशा हाथ लगेगी। झूलों के लिए उन्हें और इंतजार करना पड़ सकता है।
फल्गु तीर्थ पर स्थित लोक संपर्क विभाग के सूचना कार्यालय के नजदीक अभी पत्थर लगने का काम पूरा नहीं हो पाया है। यदि इस बारिश में उसे लगा भी दिया जाता है, तो वो मुख्य स्नान से पहले ही उखड़ जाएगा। उधर, महाराणा प्रताप चौक के पास स्थित तालाब के नजदीक की गई बैरीके¨डग बारिश के कारण गिर गई है। ग्रामीणों को कहना है कि तालाब काफी गहरा है, जिससे इस तालाब के नजदीक मजबूत बैराके¨डग की जरूरत है।
सड़कों की हालत दयनीय-
फल्गु मेले मे आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार खस्ता हाल सड़कें परेशान कर सकती है। हालांकि प्रशासन पैच लगाकर सड़कों के गढ्ढे भरने में जुटा हुआ है, लेकिन बावजूद उसके सड़कों में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा। हर बार मेले में सड़कों के नवीनीकरण के बाद मेले में पहुंचने का एक अलग ही नजारा देखने को मिलता था, लेकिन इस बार सड़कें नई नहीं बनने के कारण मेले की रौनक फीकी सी लगती है।
प्रशासन ने 90 एकड़ जमीन ली किराये पर
डीसी धर्मवीर ¨सह ने कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। मेले के लिए जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से 90 एकड़ जमीन किराये पर ली है। इसमें झूले, पार्किग स्थल व बस स्टेंड आदि अन्य व्यवस्थाएं की जाएगी। इसके अलावा पीने के पानी व पोर्टेबल टायलेट आदि की भी पूरी व्यवस्था की गई है। सड़कों को लेकर जिला उपायुक्त ने कहा कि ये सही है कि सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है। पूंडरी से ढांड तक नए सिरे से नई सड़क बननी है, इसलिए इस पर कारपे¨टग भी नहीं की जा सकती, लेकिन इस पर पैच लगाकर इसको पूरी तरह दुरुस्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा गांवों से आने वाली सड़कों पर भी पैच लगाने का काम चल रहा है। मेले में कानून व्यवस्था बनाने रखने व अन्य व्यवस्थाएं भी पूरी कर ली गई है।