आर्मी में लेफ्टिनेंट बने फतेहपुर के कैलाश वशिष्ठ

गांव फतेहपुर के ताराचंद शर्मा के पौत्र कैलाश वशिष्ठ ने ओटीए की ट्रेनिग पास कर आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। कैलाश के पिता भी एयरफोर्स बंगलौर में कार्यरत हैं और अपने पिता के प्रेरणा से ही उन्होंने ने भी देश रक्षा सेवा में जाने का लक्ष्य निर्धारित किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 06:22 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 06:22 AM (IST)
आर्मी में लेफ्टिनेंट बने फतेहपुर के कैलाश वशिष्ठ
आर्मी में लेफ्टिनेंट बने फतेहपुर के कैलाश वशिष्ठ

संवाद सहयोगी, पूंडरी : गांव फतेहपुर के ताराचंद शर्मा के पौत्र कैलाश वशिष्ठ ने ओटीए की ट्रेनिग पास कर आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। कैलाश के पिता भी एयरफोर्स बंगलौर में कार्यरत हैं और अपने पिता के प्रेरणा से ही उन्होंने ने भी देश रक्षा सेवा में जाने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने वर्ष 2015 में बंगलौर से 12वीं की परीक्षा 75 प्रतिशत अंकों के साथ पास कर कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिग की परीक्षा 2019 में अच्छे अंकों से पास की। इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत के बल पर अक्टूबर 2019 में ओटीए में प्रवेश के लिए एसएसबी परीक्षा पास की। जून 2020 में उनकी ट्रेनिग शुरू हुई और अब सफलतापूर्वक लेफ्टिनेंट की ट्रेनिग पूरा कर अपने परिवार और गांव का गौरव बढ़ाया। ओटीए चेन्नई से उन्होंने अपनी ट्रेनिग पूरी कर पास आउट किया। कैलाश ने बताया कि शुरू से ही उसका सपना रक्षा सेवाओं में जाने का था। प्रतिदिन आठ से नौ घंटे की पढ़ाई की और अब अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। पिता नरेश कुमार ने बताया कि कैलाश शुरू से ही पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में होनहार रहा है। उनका मोबाइल, टीवी और अन्य घूमने फिरने की बजाए पढ़ाई से लगाव रहा है। कोविड-19 के चलते आर्मी अधिकारियों द्वारा ही उन्हें बैज लगाकर सम्मानित किया गया।

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में 505 प्रतिभागियों ने लिया भाग

संवाद सहयोगी, ढांड : बाबू अनंत राम जनता महाविद्यालय कौल के पुस्तकालय विभाग एवं आइसीटी प्रकोष्ठ की तरफ से दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता करवाई गई। अध्यक्षता प्राचार्य डा. ऋषिपाल ने की। प्रतियोगिता के संयोजक डा. राजीव कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में भारत से विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के कुल 505 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 60 प्रतिशत से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले 442 प्रतिभागियों को ई-मेल के माध्यम से प्रतिभागिता के ई-प्रमाण पत्र प्रेषित किए गए। प्रतियोगिता का विषय पुस्तकालय और आइसीटी अवधारणा को समझने का स्तर रहा। डा. ऋषिपाल ने कहा कि पुस्तकालय विभाग प्रतियोगिता में अपने प्रयोजन में सफल हुआ। देशभर के प्रतिभागियों की इस प्रतियोगिता में सक्रिय प्रतिभागिता हुई। महाविद्यालय ने अलग-अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने में सफलता हासिल की। करोना काल में संकट के समय में भी छात्रों के साथ जुड़े रहने के लिए उन्होंने पुस्तकालय विभाग को बधाई दी।

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