रेलवे अंडरपास नहीं, मौत के कुएं

मानसून के शुरू होने के बाद बरसात के कारण कुरुक्षेत्र-नरवाना रेल मार्ग पर स्थित रेलवे अंडरपास में जलभराव रहता है। जिस कारण यह अंडरपास मौत के कुएं बने है। यहां हर समय हादसों का भय रहता है। थोड़ी-सी बरसात में ही सात से आठ फीट तक पानी भर जाता है। यहां पर जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। बता दें कि कैथल नरवाना और कैथल से कुरुक्षेत्र जाने वाले रेल मार्ग पर करीब 27 रेलवे अंडरपास है। यहां पर रेलवे और पीडब्लयूडी विभाग की ओर से पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जिस कारण यह समस्या काफी गंभीर है। इन अंडरपास में केवल शहर के जींद रोड पर स्थित अंडरपास पर ही पानी निकासी की व्यवस्था की गई है लेकिन यहां पर यातायात अधिक होने के कारण पानी सही तरीके से नहीं निकल पाता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 09:12 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 09:12 AM (IST)
रेलवे अंडरपास नहीं, मौत के कुएं
रेलवे अंडरपास नहीं, मौत के कुएं

जागरण संवाददाता, कैथल: मानसून के शुरू होने के बाद बरसात के कारण कुरुक्षेत्र-नरवाना रेल मार्ग पर स्थित रेलवे अंडरपास में जलभराव रहता है। जिस कारण यह अंडरपास मौत के कुएं बने है। यहां हर समय हादसों का भय रहता है। थोड़ी-सी बरसात में ही सात से आठ फीट तक पानी भर जाता है। यहां पर जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।

बता दें कि कैथल नरवाना और कैथल से कुरुक्षेत्र जाने वाले रेल मार्ग पर करीब 27 रेलवे अंडरपास है। यहां पर रेलवे और पीडब्लयूडी विभाग की ओर से पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जिस कारण यह समस्या काफी गंभीर है। इन अंडरपास में केवल शहर के जींद रोड पर स्थित अंडरपास पर ही पानी निकासी की व्यवस्था की गई है, लेकिन यहां पर यातायात अधिक होने के कारण पानी सही तरीके से नहीं निकल पाता है।

तीन साल पहले हुई थी दो मौतें :

मानसून की दस्तक के बाद ही इन अंडरपास से लोगों को डर सताने लगता है। 2017 में इन दिनों सोलुमाजरा गांव के नजदीक खेड़ी रायवाली गांव के चाचा-भतीजे सहित तीन की मौत अंडरपास में जमा बरसाती पानी में डूबने से हो गई थी। इस घटना से रेलवे विभाग व जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। तीन वर्ष बीतने के बाद भी अंडरपास के हालात नहीं बदले हैं। बरसात आते ही कई-कई फीट तक पानी भर जाता है। पानी भरने से एक गांव का दूसरे गांव से संपर्क टूट जाता है।

यहां है समस्या :

गांव कुतबपुर, सजूमा, सिल्लाखेड़ा, ग्योंग, टीक, पबनावा, बंदराना, कठवाड़, ब्राहम्णी वाला सहित अन्य गांवों को जोड़ने वाले अंडरपास में जलभराव परेशानी का सबब बनता हैं, वहीं शहर में खनौरी बाइपास और जींद रोड पर बने अंडरपास में भी हर मानसून में जलभराव होता है। कई बार तो पानी पांच से सात फीट तक भर जाता है।

अक्सर अंडरपास में फंस जाते हैं लोग :

शहरवासी पुनीत शाडिल्य ने बताया कि अक्सर रेलवे अंडरपास में लोग फंस जाते हैं। लोगों के पास अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण पानी होने के बावजूद लोग इनको पार करने का प्रयास करते हैं। कई बार तो लंबे समय तक जलभराव रहता है। रेलवे को तुरंत पानी की निकासी का स्थाई प्रबंध करना चाहिए।

निकासी का नहीं है साधन :

रेल यात्री कल्याण समिति के प्रधान लाजपत राय सिगला ने बताया कि रेलवे ने अभी तक केवल शहर के जींद रोड स्थित अंडरपास पर छत लगाने के कार्य को मंजूरी दी है। जिससे जलभराव नहीं होगा। यह कार्य भी अभी अधूरा है। जबकि अन्य अंडरपास में पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया। बरसात होने पर खेतों से पानी व मिट्टी यहां भरने से हादसे होने की संभावना रहती है।

पंपों को लेकर टेंडर लगाया गया

समस्या के बारे में पूरी जानकारी है। लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए सभी अंडरपास में लगे पंपों को लेकर टेंडर लगाया गया है। वर्क आर्डर जारी होने के बाद इन्हें लगवाया जाएगा। कुछ समय के लिए पानी से रास्ता बाधित हो सकता है, लेकिन ज्यादा समय तक रास्ता बाधित ना रहे रेलवे का यही प्रयास होता है।

- रणधीर सिंह, स्टेशन मास्टर, रेलवे स्टेशन कैथल।

chat bot
आपका साथी