भौतिकवादी युग में समस्याओं के हल के लिए साहित्य की शरण लेना जरूरी : गोयल

कैथल राधा कृष्ण सनातन धर्म (आरकेएसडी) कालेज की पुस्तकालय समिति की तरफ से महान विभूतियों की जीवन पर आधारित एक प्रतिवेदन लेखन प्रतियोगिता करवाई गई। जिसमें 33 विद्यार्थियों ने स्वामी दयानंद विवेकानंद एपीजे अब्दुल कलाम सरदार पटेल अलबर्ट आइंस्टाइन मैडम क्यूरी न्यूटन लिकन एवं मलाला युसूफजई के जीवन पर सार लिखे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:33 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:33 AM (IST)
भौतिकवादी युग में समस्याओं के हल के लिए साहित्य की शरण लेना जरूरी : गोयल
भौतिकवादी युग में समस्याओं के हल के लिए साहित्य की शरण लेना जरूरी : गोयल

जागरण संवाददाता, कैथल : राधा कृष्ण सनातन धर्म (आरकेएसडी) कालेज की पुस्तकालय समिति की तरफ से महान विभूतियों की जीवन पर आधारित एक प्रतिवेदन लेखन प्रतियोगिता करवाई गई। जिसमें 33 विद्यार्थियों ने स्वामी दयानंद, विवेकानंद, एपीजे अब्दुल कलाम, सरदार पटेल, अलबर्ट आइंस्टाइन, मैडम क्यूरी, न्यूटन, लिकन एवं मलाला युसूफजई के जीवन पर सार लिखे। इस प्रतियोगिता में बीए अंतिम वर्ष की छात्रा कोमल और रीता संयुक्त रूप से प्रथम रही। इसी प्रकार से सोनिया ने द्वितीय, सिमरन ने तृतीय और कुश चौथे स्थान पर रहा। प्राचार्य डा. संजय गोयल ने विजेताओं को सम्मानित किया। उन्होंने इस सृजनात्मक कार्य के लिए पुस्तकालय समिति को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज के भौतिकतावादी विश्व में अधिकतर समस्याओं के हल के लिए साहित्य की शरण लेना जरूरी हो गया है। इस मौके पर समिति की संयोजिका डा. गीता गोयल, डा. राजबीर पाराशर, प्रो. श्रीओम, डा. शिल्पी अग्रवाल, डा. संजय गर्ग, डा. नरेश, प्रो. हिमानी एवं दीपिका मौजूद रहे।

समग्र-शिक्षा में भ्रमण से लौटे विद्यार्थी

संस, पाई : समग्र-शिक्षा परियोजना हरियाणा की ओर से खंड स्तरीय एक दिवसीय भ्रमण आयोजित किया गया। इस दौरान पूंडरी खंड से 15 विद्यालयों से 34 मेधावी विद्यार्थी लौट आए। बीपीआर पूजा कौशिक ने बताया कि बच्चों की विज्ञान में रूचि को बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से इस भ्रमण का आयोजन करवाया गया। 25 फरवरी को सुबह सभी विद्यार्थी खंड संसाधन कार्यालय स्टाफ सहित कुरुक्षेत्र के लिए रवाना हुए थे। वहां सबसे पहले बच्चों ने श्री कृष्ण संग्रहालय का भ्रमण किया। उसके बाद पैनोरमा ने बच्चों का मन मोह लिया। अंत में सभी विद्यार्थियों ने तारामंडल का भ्रमण किया। वहां विद्यार्थियो ने अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण के बारे में गहन जानकारी हासिल की। इस प्रकार के भ्रमण से विद्यार्थियों में जिज्ञासा की भावना की तृप्ति होती है।

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