तीन साल पहले हुआ था अदरंग, लगातार योग क्रियाएं करने से हुआ ठीक
योग हर रोग को दूर करता है और यही कारण है कि योग क्रियाएं करने के लिए लोगों अंतरराष्ट्रीय दिवस को लेकर काफी उत्साह रहता है। कई जगह पर इलाज करवाया परंतु कहीं से भी अदरंग की बीमारी ठीक नहीं हुई। परंतु जब योग क्रिया शुरू तो इसका नतीजा महज दो महीने में ही आना शुरू हो गया। इसका एक उदाहरण है प्यौदा रोड स्थित लाल बहादुर शास्त्री कालोनी निवासी रेनू रानी। रेनू बताती हैं कि उन्हें तीन साल पहले सिर में दर्द रहने लगा। फिर एक दिन पैरालाइसस का अटैक आया। शरीर के दाईं ओर चेहरा भी टेढ़ा हो गया।
जागरण संवाददाता, कैथल : योग हर रोग को दूर करता है और यही कारण है कि योग क्रियाएं करने के लिए लोगों अंतरराष्ट्रीय दिवस को लेकर काफी उत्साह रहता है। कई जगह पर इलाज करवाया, परंतु कहीं से भी अदरंग की बीमारी ठीक नहीं हुई। परंतु जब योग क्रिया शुरू तो इसका नतीजा महज दो महीने में ही आना शुरू हो गया। इसका एक उदाहरण है प्यौदा रोड स्थित लाल बहादुर शास्त्री कालोनी निवासी रेनू रानी। रेनू बताती हैं कि उन्हें तीन साल पहले सिर में दर्द रहने लगा। फिर एक दिन पैरालाइसस का अटैक आया। शरीर के दाईं ओर चेहरा भी टेढ़ा हो गया। फिर तुरंत डाक्टर से इलाज लिया तो चेहरा तो ठीक हो गया, लेकिन लगातार एक हिस्सा भारी महसूस होता रहा। न्यूरो के डाक्टर की दवाई खाने से वजन भी काफी बढ़ गया। डाक्टरों का कहना था कि अब लंबे समय तक दवाई खानी पड़ेगी। स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी। कई जगह पर दवा ली, लेकिन कोई नतीजा नहीं मिला। इसके बाद वह ओम योगा एवं मेडिटेशन सेंटर में जाने लगी। यहां योग विशेषज्ञ डाक्टर संध्या आर्या ने उन्हें आश्वासन दिया कि वो बहुत जल्द ही स्वस्थ हो जाएगी और वो भी बिना दवाई के। इसके बाद उन्होंने पूरे मन से योग सीखना शुरू किया। इसके बाद दवाई भी छोड़ दी और पूरी तरह से योग को समर्पित हो गई। जो चेहरा भारी भारी लगता था सामान्य हो गया। एक दाएं पांव से मोड़ कर बैठा नहीं जाता था चौकड़ी नहीं लगती थी। अब वह प्रतिदिन आधा घंटा बैठकर प्राणायाम करती हैं। जिससे शरीर का अतिरिक्त वजन भी कम हो गया है। अब वह बिल्कुल ठीक है। रेनू ने कहा कि वह योग प्रशिक्षक संध्या आर्य की शुक्रगुजार रहेगी। जिन्होंने कभी एक्यूप्रेशर कभी न्यूरोपैथी का प्रयोग करके सिर का दर्द भी दूर कर दिया। केवल योग ही एकमात्र संजीवनी साबित हुई है।