देवी-देवताओं की आराधना करने से मिलती है शांति : विधायक ईश्वर सिंह

विधायक ईश्वर सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में गौरवशाली रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 07:03 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 07:03 AM (IST)
देवी-देवताओं की आराधना करने से मिलती है शांति : विधायक ईश्वर सिंह
देवी-देवताओं की आराधना करने से मिलती है शांति : विधायक ईश्वर सिंह

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका: विधायक ईश्वर सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में गौरवशाली रही है। हमारी संस्कृति ने विश्व को संस्कारों का संदेश दिया। देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करने से मन को शांति मिलती है और धार्मिक आयोजनों से भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। विधायक ईश्वर सिंह सोमवार को गांव गोहरा में नवरात्र के अवसर पर मां बाला सुंदरी की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में शामिल हुए थे, विधायक ने गांव वासियों को कहा कि हमें गांव में भाईचारा, प्रेम से जीवन व्यतीत करना चाहिए और गरीबों की सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान कभी भी किसी कारणवश विचलित हो जाता है तो परमात्मा की आराधना करने से उसे सदमार्ग मिलता है और उसका मन भी शांत रहता है। लोगों की शिकायत पर यहां विधायक ने गांव की मुख्य फिरनी से मंदिर से होते हुए श्मशानघाट तक के रास्ते को पक्का करने का आश्वासन दिया। इस दौरान उन्होंने लोगों की अन्य समस्याओं को भी सुना। इस मौके पर कृष्ण गोहरा, सतपाल, राधेश्याम, तेजपाल, महावीर, तरसेम राणा व बंटी राणा मौजूद थे।

सप्तमी पर मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने की पूजा

संवाद सहयोगी, पूंडरी : सप्तमी के मौके पर माता मनसा देवी मंदिर फतेहपुर में श्रद्धालुओं ने माथा टेका और मन्नतें मांगी। मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से यहां अपनी फरियाद लेकर आता है, उसकी मनोकामना माता जरूर पूरी करती हैं। रविवार देर रात से मंदिर में श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए, जोकि सोमवार देर शाम तक जारी रहा। हालांकि मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रशासन की तरफ से मंदिर में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के लिए मास्क लगाना और दो गज दूरी रखने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन भीड़ के सामने सब इंतजाम कम पड़ते दिखाई दिए। माता मनसा देवी के इस मंदिर में साल में दो बार नवरात्र के मौके पर विशाल मेला लगता है। मां मनसा देवी आस-पास के 36 गांव की कुलदेवी हैं। मंदिर के पुजारी सुधीर शर्मा और संजीव कुमार ने बताया कि अष्टमी पर कई सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं यहां भंडारे का आयोजन करती हैं।

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