मंडी में मजदूरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, धान न तुला न बिका

मंडियों में धान का सीजन शुरू हो गया है। मजदूरों की हड़ताल के चलते खरीद का कार्य मंगलवार को भी नहीं हो पाया। दिन भर किसान धान की रखवाली करते नजर आए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 04:56 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 04:56 PM (IST)
मंडी में मजदूरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, धान न तुला न बिका
मंडी में मजदूरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, धान न तुला न बिका

जागरण संवाददाता, कैथल : मंडियों में धान का सीजन शुरू हो गया है। मजदूरों की हड़ताल के चलते खरीद का कार्य मंगलवार को भी नहीं हो पाया। दिन भर किसान धान की रखवाली करते नजर आए। किसानों का कहना है कि खेतों में धान की कटाई का कार्य चल रहा है। काम छोड़कर वह मंडी में बैठने पर मजबूर हो रहे हैं। मजदूरों के हड़ताल पर जाने से धान की न तो सफाई हो पाई और न ही तुलाई हुई। इसके चलते बोली भी नहीं हो सकी। मजदूरों ने नई अनाज मंडी में एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। उन्होंने कहा कि उनका शोषण हो रहा है। पिछले सीजन में जो मजदूरी थी, उसे बढ़ाने के बजाय कम कर दिया है। महंगाई के इस दौर में वह कैसे अपने परिवार का पालन-पोषण करेंगे। जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। मंडी में करीब पांच हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है।

महंगाई दिनों दिन बढ़ रही और मजदूरी घट रही : सुल्तान सिह

मजदूरों ने हरियाणा मंडी मजदूर वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हड़ताल करते हुए रोष जताया। नई अनाज मंडी पल्लेदार यूनियन के सचिव सुल्तान सिंह ने कहा कि महंगाई दिनों दिन बढ़ रही है और मजदूरी घट रही है। इस बात का वे पुरजोर विरोध करते हैं। सरकार के इस तरह के फरमान उन्हें पसंद नहीं है। इस बात के विरोध में मंडी के सभी पल्लेदारों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। मजदूर अनिल कुमार, सुलतान, कृष्ण ने कहा कि सरकार उनकी मजदूरी बढ़ाने के बजाय उनकी मजदूरी में कटौती करके गरीब लोगों के पेट पर लात मारने का काम किया है। उनकी मजदूरी का पुराना रेट 12 रुपये 40 पैसे था। सरकार ने अब यह मजदूरी घटाकर 10 रुपये 31 पैसे कर दिया। सीधा-सीधा दो रुपये 10 पैसे की कटौती करना सरकार का मजदूर विरोधी फैसला है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रति 50 किलो ग्राम की बोरी उतरवाई, सफाई, तुलाई व भराई के अब 10.41 पैसे मिलेंगे। इतने कम रेट में वह काम करने के लिए तैयार नहीं है। जबकि उनकी मांग है कि पुराने रेट में रेट रुपये प्रति कट्टा बढ़ोतरी की जाए। उन्होंने कहा कि कैथल अतिरिक्त मंडी, पुरानी मंडी और नई मंडी के करीब दस हजार मजदूर हड़ताल पर हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वे सरकार द्वारा कम की गई मजदूरी के विरोध में वे राज्य की 114 मंडियों में भी हड़ताल का एलान किया जाएगा।

यह कहना है किसान सोमनाथ का

गांव सीवन निवासी किसान सोमनाथ ने बताया कि सुबह छह बजे मंडी में 1509 धान लेकर आया था। यहां मजदूरों की हड़ताल के चलते खरीद नहीं हुई। पशुओं से धान की फसल की रखवाली करने को मजबूर हैं। मौसम भी खराब हो रहा है।

मजदूरों की मांगों को जल्द पूरा करें : किसान महेंद्र

गांव सीवन निवासी किसान महेंद्र शर्मा ने बताया कि मंगलवार सुबह धान लेकर आया था। मजदूरों की हड़ताल के चलते खरीद नहीं हुई है। सरकार व प्रशासन मजदूरों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें ताकि किसानों को कोई दिक्कत न आए।

कटाई का कार्य भी प्रभावित हो रहा : गुलाब सिंह

गांव डेरा गरजा सिंह निवासी किसान गुलाब सिंह ने कहा कि 1509 धान लेकर मंडी में आया था। मजदूरों की हड़ताल के चलते धान की खरीद नहीं हुई है। खेतों में कटाई का कार्य भी प्रभावित हो गया है।

वर्जन

धान सीजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आवक भी शुरू हो गई है। मजदूरों की मांग को लेकर सीनियर अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर फैसला होने के बाद सीजन सुचारू रूप से चलेगा।

सतवीर राविश, सचिव, मार्केट कमेटी।

chat bot
आपका साथी