भगवान वाल्मीकि ने राम जन्म से पहले ही की थी महाग्रंथ रामायण की रचना: कृष्ण बेदी

मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि वाल्मीकि ने भगवान राम के जन्म से पूर्व ही महाग्रंथ रामायण की रचना की थी। उन्होंने समाज को नैतिकता से जीवन जीने बाप का बेटे भाई का भाई पत्नी का पति के प्रति फर्ज का मार्ग दिखाया। उनके दिखाए गए मार्ग पर हम सभी को चलना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 06:57 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 06:57 AM (IST)
भगवान वाल्मीकि ने राम जन्म से पहले ही की  थी महाग्रंथ रामायण की रचना: कृष्ण बेदी
भगवान वाल्मीकि ने राम जन्म से पहले ही की थी महाग्रंथ रामायण की रचना: कृष्ण बेदी

जागरण संवाददाता, कैथल: मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि वाल्मीकि ने भगवान राम के जन्म से पूर्व ही महाग्रंथ रामायण की रचना की थी। उन्होंने समाज को नैतिकता से जीवन जीने, बाप का बेटे, भाई का भाई, पत्नी का पति के प्रति फर्ज का मार्ग दिखाया। उनके दिखाए गए मार्ग पर हम सभी को चलना चाहिए। वे केवल एक विशेष वर्ग के नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति में पूजनीय हैं।

बेदी गांव सिसला में अखिल भारतीय महापंचायत द्वारा भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले बेदी और तुषार ढांडा ने भगवान वाल्मीकि की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया।

उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि निराकार स्वरूप है। उन्होंने रामायण जैसे महाग्रंथ की रचना की, जिससे हम सब को प्रेरणा मिलती है। आज प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसका बेटा राम जैसा हो, प्रत्येक स्त्री चाहती है कि उसका पति राम जैसा हो, प्रत्येक भाई चाहता है कि उसका भाई राम जैसा हो। उन्होंने राम राज्य की कल्पना की, जिसमें सब समान हो। भगवान वाल्मीकि ने शिक्षा की अलख जगाई, जिससे समाज हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार महापुरुषों के दिखाए गए मार्ग पर चलकर प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं लागू कर रही हैं। प्रदेश की धरा से भ्रष्टाचार को खत्म करके युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरियां प्रदान कर रही है। जिला में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय खोलकर संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का काम किया गया है।

इस मौके पर तुषार ढांडा ने भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने मानव जाति को त्याग, प्रेम, संस्कार, भाई-चारे, शिक्षा, ज्ञान आदि का मार्ग दिखाया, जिस पर चलते हुए सभी सभ्य समाज की स्थापना कर सकते हैं। उनका वर्णन सतयुग, त्रेता, द्वापर सभी युगों में मिलता है। इस अवसर पर अखिल वाल्मीकि महापंचायत के पदाधिकारियों ने राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी, तुषार ढांडा को पगड़ी, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर शिवकुमार सिसला, अमित घरोंडा, चंद्र प्रकाश, मीनाक्षी, विक्रम सिंह, रामभज, बलिद्र, विक्की, अशोक कैलरम, अजीत राम, सूबे सिंह, राज सिंह, रामकुमार, नाथूराम, कुलविद्र राणा, अशोक सेरधा, संजीव कांगड़ा, मुल्तान सिंह, केदार, राजू भागल, धर्मपाल, गुलाब सिंह मौजूद रहे।

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