गांव पिलनी में पेयजल आपूर्ति की समस्या, स्थानीय लोगों को परेशानी
गांव पिलनी में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। जिस कारण ग्रामीण परेशान हैं। गांव में सबसे गंभीर समस्या पेयजल आपूर्ति की है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो यहां पर पानी के पाइपलाइन पुरानी होने से लीकेज के कारण पानी नहीं मिलता था।
जागरण संवाददाता, कैथल : गांव पिलनी में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। जिस कारण ग्रामीण परेशान हैं। गांव में सबसे गंभीर समस्या पेयजल आपूर्ति की है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो यहां पर पानी के पाइपलाइन पुरानी होने से लीकेज के कारण पानी नहीं मिलता था। अब पाइपलाइन डालने का कार्य शुरू किया है तो पेयजल आपूर्ति बिल्कुल बंद हो चुका है। पेयजल पाइपलाइन डालने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। पानी की निकासी की भी गांव में बड़ी समस्या है।
गांव से कई अन्य गांवों को जोड़ने वाले लिक मार्गों की भी हालत भी खस्ता है, जिस कारण यहां जाने वाले राहगीर चोटिल होते हैं। कई बार वाहन गिरने के कारण गंभीर चोटें भी उन्हें लगती है।
फाइव पौंड सिस्टम हुआ फेल :
ग्रामीण सोमबीर ने बताया कि कुछ समय पहले ही गांव में कैथल रोड पर तालाब के पास जल संरक्षण को लेकर फाइव पौंड सिस्टम लगाया था, जो पिछले लंबे समय से काम नहीं कर रहा है। जिस कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, पानी की निकासी न होने के कारण जनरेटर लगाकर पानी निकालना पड़ रहा है।
गंदगी से बीमारी फैलने का खतरा
ग्रामीण रोशन ने बताया कि गांव में गंदगी होने के कारण यहां बीमारियों के फैलने का हमेशा खतरा बना है। गांव में प्रवेश करते ही यहां गंदगी के ढेर लगे हैं, जिस कारण यहां प्रवेश करते ही गंदगी के दर्शन होते हैं। रोशन ने बताया कि गांव में दो सफाई कर्मचारी हैं, जिसमें से एक की कुछ समय पहले मृत्यु हो गई थी। अब यहां सफाई करने के लिए केवल एक ही कर्मचारी है। जो पूरे गांव में सफाई नहीं कर सकता है। यहां और सफाई कर्मचारी लगाने की जरूरत है।
:पीने के पानी की समस्या का जल्द हो समाधान :
ग्रामीण संदीप कुमार ने बताया कि पाइपलाइन डालने के लिए तोड़ी गई गलियां नहीं बनाई जा रहा है। जिस कारण यहां पर जलभराव और कीचड़ रहता है। पीने की पाइपलाइन डालने के बावजूद पीने की पानी की समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। इस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। ग्रामीणों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा रहा है।
यह है गांव का इतिहास
गांव का इतिहास कई वर्षों पुराना है। करीब चार सौ साल पहले यहां बाबा देवी दास जी ने तपस्या की थी यहां पर इन महंत का तीर्थ है। मान्यता है कि बाबा देवी दास के तीर्थ पर बने सरोवर में जो व्यक्ति रक्षा बंधन पर पूर्णिमा के दिन स्नान कर लेता है। उसे कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही गांव में जिले का सबसे बड़ा भगवान परशुराम का मंदिर है, जो काफी प्रसिद्ध है। यहां ब्राह्मण समाज के लोग अधिक रहते हैं। गांव में करीब 2500 वोट है, जबकि इसकी छह हजार की आबादी है।
गलियों का निर्माण कार्य अधर में लटका
गांव में सफाई की कोई समस्या नहीं है। गांव में पानी की नई पाइपलाइन डालने का कार्य चल रहा है। कुछ जगहों पर पाइपलाइन को चेक किया जाना है। इसके चलते गलियों का निर्माण कार्य अधर में लटका है। चेक करने के बाद गलियों का निर्माण कार्य भी शुरू करवाने की सिफारिश खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी को की जाएगी।
रामदिया शर्मा, सरपंच प्रतिनिधि, पिलनी।