आन द स्पाट दाखिला प्रक्रिया में राजकीय आइटीआइ में दो दिनों में 164 विद्यार्थियों ने लिया दाखिला
मिशन एडमिशन के तहत जिलेभर की आइटीआइ में दाखिला प्रक्रिया जारी है। औद्योगिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने नए आदेशों के तहत सोमवार को भी आन द स्पाट दाखिला प्रक्रिया जारी रही। इस प्रक्रिया के तहत विद्यार्थियों आइटीआइ परिसर में पहुंचकर अपना दाखिला करवाया।
जागरण संवाददाता, कैथल : मिशन एडमिशन के तहत जिलेभर की आइटीआइ में दाखिला प्रक्रिया जारी है। औद्योगिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने नए आदेशों के तहत सोमवार को भी आन द स्पाट दाखिला प्रक्रिया जारी रही। इस प्रक्रिया के तहत विद्यार्थियों आइटीआइ परिसर में पहुंचकर अपना दाखिला करवाया। बता दें रविवार को तकनीकी खामी के कारण पोर्टल नहीं चल पाया था। परंतु सोमवार को पोर्टल सही तरीके शुरू हो गया। आन द स्पाट दाखिला प्रक्रिया के तहत दो दिनों में कुल 164 विद्यार्थियों द्वारा दाखिला लिया गया।
खाली रही सीट पर किसी भी कोर्स में ले सकते हैं दाखिला :
रविवार को पोर्टल न चलने से संस्थान के कर्मचारियों व विद्यार्थियों को परेशानी आई। जिन विद्यार्थियों ने पोर्टल पर आवेदन किया था वे अब संबंधित संस्थान में मेरिट कार्ड जमा करवाते हुए किसी भी खाली रही सीट पर दाखिला ले सकते हैं। राजकीय आइटीआइ कैथल में वर्ग अनुदेशक प्रमोद कुमार, गुरांदत्ता, संजय कुमार, रणधीर ढांडा, राकेश कुमार, शमशेर सिंह दाखिला प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं।
आज रहेगा अंतिम दाखिला
विभाग के आदेशों के तहत शुरू हुई आन द स्पाट दाखिला प्रक्रिया को मंगलवार को अंतिम दिन रहेगी। राजकीय आइटीआइ में अभी भी 100 से अधिक सीटें खाली हैं। ऐसे में जिन विद्यार्थियों ने अब तक दाखिला नहीं लिया है तो वे नए आवेदन फार्म या पुराने फार्म को अपडेट करते मेरिट कार्ड संबंधित संस्थान में जमा करवाकर दाखिला ले सकते हैं।
सतीश मच्छाल, जिला नोडल अधिकारी, आइटीआइ, कैथल।
कलायत खंड में 134-ए के तहत आए महज 171 आवेदन
ससं, कलायत : खंड में 30 से अधिक मान्यता प्राप्त स्कूलों में एक हजार से अधिक सीटें 134-ए के तहत दाखिला लेने जरुरतमंद परिवारों के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं। जबकि इस बार केवल 171 विद्यार्थियों ने ही आवेदन किया है। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात लिपिक सलीम ने बताया कि कलायत खंड में 30 से अधिक मान्यता प्राप्त निजी स्कूल बच्चों को शिक्षित कर रहे है। इन स्कूलों में 134-ए के तहत पात्र परिवार के बच्चों को प्रवेश देने के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखनी पड़ती है।