स्कूलों में नहीं मिल रहा फ्लेवर्ड दूध, कंपनी नहीं कर रही सप्लाई

मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले फ्लेवर्ड दूध की सप्लाई बंद हो गई है। इससे बच्चों को परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:37 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:37 AM (IST)
स्कूलों में नहीं मिल रहा फ्लेवर्ड दूध, कंपनी नहीं कर रही सप्लाई
स्कूलों में नहीं मिल रहा फ्लेवर्ड दूध, कंपनी नहीं कर रही सप्लाई

जागरण संवाददाता, कैथल : मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले फ्लेवर्ड दूध की सप्लाई बंद हो गई है। जिस कारण अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में यह दूध नहीं पहुंच रहा।

बता दें कि कोरोना काल के बीच मिड डे मील योजना को बंद नहीं किया, जबकि योजना के तहत राशन और इसे बनाने के सामान की राशि लगातार दी गई। परंतु जैसे ही कोरोना काल में लाकडाउन खत्म हुआ तो अब फ्लेवर्ड दूध विद्यार्थियों को देना बंद कर दिया गया। शिक्षा विभाग की ओर से लाकडाउन के बीच तो घर-घर जाकर अध्यापकों ने पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों मिड डे मील वितरित किया था, परंतु अब स्कूलों के खुलने के बाद इस योजना के तहत दूध की सप्लाई बंद कर दी गई। जिससे विद्यार्थियों को फ्लेवर्ड दूध नहीं मिल पा रहा है।

सप्ताह में दिया जाता था दो दिन दूध

जिस समय स्कूल खुले थे, सप्ताह में लगातार दो दिन तक विद्यार्थियों को तीन सौ ग्राम दूध सप्लाई किया जाता था। इसके बाद जब कोरोना के कारण लाकडाउन लगा तो इस दूध की सप्लाई के तहत एक विद्यार्थी को एक महीने में एक किलोग्राम तक का पैकेट दूध का दिया जाता था। बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से दूध की सप्लाई को लेकर वीटा कंपनी के साथ करार किया गया था। अब कंपनी ने दूध की सप्लाई बंद कर दी है। जिस कारण विद्यार्थियों को यह दूध नहीं मिल रहा है। इसी कड़ी में कैथल में भी पिछले करीब डेढ़ माह से कुल 371 सरकारी स्कूलों में दूध की सप्लाई नहीं हो रही है। वहीं, इस पर अधिकारियों का कहना है कि दूध की पीछे से ही सप्लाई न होने के कारण विद्यार्थियों को यह दूध के पैकेट नहीं वितरित किए जा रहे हैं।

वर्जन :

दूध की सप्लाई बंद कंपनी की ओर से की गई है। जबकि विभाग की ओर से अन्य राशन तो लगातार वितरित किया जा रहा है। जैसे ही दूध कंपनी की ओर से दिया जाएगा, उसके बाद सप्लाई दोबारा शुरू कर दी जाएगी।

दलीप सिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी

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