भरत ने श्रीराम से वापस अयोध्या जाने का आग्रह किया तो दिए खड़ाऊ

श्री ग्यारह रूद्री शिव मंदिर परिसर में श्री गणेश ड्रामाटिक क्लब द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रविवार रात को श्री राम को खेवट द्वारा सरयू नदी पार करवाना और भरत द्वारा वापस अयोध्या जाने का आग्रह करने का मंचन किया गया है। भरत मिलाप के दृश्य में श्रीराम भरत को खड़ाऊ देकर वापस भेज देते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 07:00 AM (IST)
भरत ने श्रीराम से वापस अयोध्या जाने का आग्रह किया तो दिए खड़ाऊ
भरत ने श्रीराम से वापस अयोध्या जाने का आग्रह किया तो दिए खड़ाऊ

जागरण संवाददाता, कैथल : श्री ग्यारह रूद्री शिव मंदिर परिसर में श्री गणेश ड्रामाटिक क्लब द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रविवार रात को श्री राम को खेवट द्वारा सरयू नदी पार करवाना और भरत द्वारा वापस अयोध्या जाने का आग्रह करने का मंचन किया गया है। भरत मिलाप के दृश्य में श्रीराम भरत को खड़ाऊ देकर वापस भेज देते हैं। मंचन के दौरान पहले सीन में मारकंडेश्वर की झांकी निकाली गई। जिसके बाद मंचन की शुरूआत की गई।

क्लब के निर्देशक धर्मबीर असीजा व रमेश चंद जांगड़ा ने बताया कि रविवार की रात को भरत के वापस अयोध्या वापस जाने तक के दृश्य का मंचन किया गया। दूसरे सीन में श्रीराम की निशाद राज से भेंट, तीसरे सीन में गंगा किनारा, चौथे सीन में कौशल्या व भरत संवाद और पांचवें व अंतिम सीन में कैकेयीपुर में भरत शयन कक्ष तक जाने का संवाद दिखाया गया। असीजा ने बताया कि मंचन की शुरूआत में श्री राम निशाद राज से मिलते हैं। जिसमें निशाद राज श्रीराम के ठहरने का प्रबंध करते हैं। इसके बाद वह कुछ समय के विश्राम करने के बाद आगे वनों की ओर चले जाते हैं। इसके बाद गंगा किनारा आता है। जहां पर अयोध्या के लोग पहुंचते हैं। वहीं, दूसरी तरफ भरत और कैकेयी के बीच संवाद होता है। इसके बाद भरत अपने बड़े भाई श्रीराम को वापस अयोध्या जाने का आग्रह करते हैं, लेकिन श्रीराम अपने खड़ाऊ देकर इसे अयोध्या के राज सिंहासन पर रखते हैं। मंचन में श्रीराम का किरदार चन्नी, लक्ष्मण का सोनू, सीता का सुनील, निशाद राज का जय प्रकाश, दशरथ का ओमप्रकाश, भरत का विनोद सैनी, शत्रुघ्न का सन्नी, कैकेयी का रमेश, सुमित्रा का सचिन, सोमंत का राजेश, वशिष्ठ का रिकू और कौशल्या का किरदार शुभम ने निभाया।

खेवट ने श्रीराम को कराई गंगा पार, भरत मिलाप की लीला का किया सुंदर मंचन

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : आदर्श नाटक क्लब श्री भवानी मंदिर चीका में रामलीला महोत्सव में पांचवें दिन भरत मिलाप की लीला का मंचन किया गया। मंदिर में प्रतिदिन रामलीला देखने के लिए दर्शकों की भीड़ बढ़ रही है। महोत्सव के पांचवें दिन श्रीराम वनवास लीला के दौरान भगवान राम-लक्ष्मण और सीता जी सरयू के किनारे जाते हैं और वहां खेवट से अपनी नाव में बैठाकर सरयू पार कराने को कहते हैं। भगवान राम सरयू पार कर चित्रकूट पहुंच जाते हैं। अयोध्या में राम के वियोग में महाराजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते है, जब भरत और शत्रुघ्न को राम के वन गमन और दशरथ की मृत्यु का पता लगता है, तो वो अयोध्या वापस आते है, कैकेयी को भला बुरा कहते है। भरत तीनों माताओं के साथ गुरु वशिष्ठ, मंत्री सुमंत और शत्रुघ्न के साथ चित्रकूट की ओर प्रस्थान कर देते है, जहां पर भरत का श्रीराम से मिलाप होता है। मंच संचालन क्लब के सचिव दीपक मिगलानी ने किया। क्लब के निदेशक कृष्ण धीमान ने बताया कि लीला में श्रीराम राजतिलक की तैयारी और उसके बाद राम वनवास की लीला का बहुत ही भावपूर्ण मंचन हुआ। क्लब के प्रेस सचिव कुलदीप माजरा ने बताया कि 12 अक्टूबर को सुग्रीव मित्रता व बाली वध, 13 अक्टूबर को लंका दहन, 14 अक्टूबर को लक्ष्मण मूर्छा, 15 अक्टूबर को राज तिलक व दशहरा महोत्सव का मंचन किया जाएगा।

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