मैं किसान का हूं और किसान मेरा है : मनोहर लाल

कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में कैथल पहुंचे सीएम मनोहर लाल ने किसानों के साथ खुल कर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान की परेशानी से मुझे भी पीड़ा होती है बस किसान थोड़ी तकलीफ सह लेगा तो अगली पीढ़ी को विरासत में पानी युक्त जमीन दे पाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 09:20 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 09:20 AM (IST)
मैं किसान का हूं और किसान मेरा है : मनोहर लाल
मैं किसान का हूं और किसान मेरा है : मनोहर लाल

जागरण संवाददाता, कैथल : कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में कैथल पहुंचे सीएम मनोहर लाल ने किसानों के साथ खुल कर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान की परेशानी से मुझे भी पीड़ा होती है, बस किसान थोड़ी तकलीफ सह लेगा तो अगली पीढ़ी को विरासत में पानी युक्त जमीन दे पाएगा। मैं किसान का हॅूं और किसान मेरा है हम सभी को मिलकर इस दिशा में सकारात्मक सोच लेकर कार्य करना है। इस योजना के तहत उन किसानों को जिनका भूजल स्तर 40 मीटर व उससे अधिक है, वहां के किसानों को वैकल्पिक फसलों मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां व फल की खेती धान के क्षेत्र में विविधिकरण करने की सलाह दी गई है। दूसरी फसल लगाने के लिए किसानों को 7000 रूपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैकल्पिक फसल उगाने पर ड्रिप सिचाई के तहत 85 प्रतिशत अनुदान राशि की भी व्यवस्था है। धान की जगह मक्का, बाजरा, कपास व दाल उगाने पर फसल का बीमा सरकारी खर्च पर होगा और न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी भी है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में किसान यदि चारे की बुआई करता है तो उसको प्रदेश सरकार खरीदेगी। उन्होंने बाढ़ ग्रस्त ऐरिया में रिचार्ज बोर इसी माह करवाने और उसे रेत आने तक बोर करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले तीन साल में बाजरे व सरसों का एक-एक दाना खरीदा गया है। उन्होंने दोहराया कि मक्का लगाने वाले किसानों की शत-प्रतिशत खरीद सरकार करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि धान की जगह वैकल्पिक फसलें लगाने वालों को 7 हजार रूपये प्रति एकड़ मिलने के साथ-साथ प्रधानमंत्री फसल योजना का लाभ भी मिलेगा यानि उन्हें 7700 रूपये प्रति एकड़ मिल पाएगा।

मुख्यमंत्री ने तीन विकास खंडों का अलग-अलग से ब्यौरा देते हुए बताया 40 मीटर से ज्यादा गहरे पानी वाले 49 गांव ईस्माइलाबाद खंड में है, जिसमें 18000 एकड़ भूमि बाढग़्रस्त है, जबकि छोटी जोत के किसान भी बहुत हैं। इसी तरह गुहला विकास खंड में 40 मीटर से गहरे पानी वाले 26 गांव है और तीन गांव हंसु माजरा, चाणचक और चाबा बाढग़्रस्त ऐरिया में हैं, जबकि 23 गांव बाढ़ग़्रस्त ऐरिया में नहीं है। इनमें दो एकड़ भूमि वाले 230 हैक्टेयर के किसान है। उन्होंने सीवन खंड के बारे में बताया कि यहां 37 गांव 40 मीटर से गहरे पानी वाले हैं।

chat bot
आपका साथी