हॉटसीट कैथल और कलायत में गढ़ बचाने की चुनौती

प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से हॉटसीट कैथल व कलायत पर भी खास नजर रहती है। कांग्रेस ने इस बार भी कैथल से कद्दावर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला तो पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश को कलायत हलके से मैदान में उतारा है। वहीं इन दोनों नेताओं को चुनाव में मात देने के लिए भाजपा ने भी पिछले चुनाव में उतारे प्रत्याशियों को बदलते हुए इस बार नए चेहरों पर दांव खेला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Oct 2019 10:34 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 06:13 AM (IST)
हॉटसीट कैथल और कलायत में गढ़ बचाने की चुनौती
हॉटसीट कैथल और कलायत में गढ़ बचाने की चुनौती

सुरेंद्र सैनी, कैथल : प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से हॉटसीट कैथल व कलायत पर भी खास नजर रहती है। कांग्रेस ने इस बार भी कैथल से कद्दावर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला तो पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश को कलायत हलके से मैदान में उतारा है। वहीं, इन दोनों नेताओं को चुनाव में मात देने के लिए भाजपा ने भी पिछले चुनाव में उतारे प्रत्याशियों को बदलते हुए इस बार नए चेहरों पर दांव खेला है। कैथल हलके से जहां पूर्व में विधायक रहे लीला राम को चुनावी दंगल में उतारा है, वहीं कलायत सीट पर पूर्व मंत्री नरसिंह ढांडा की पत्नी कमलेश ढांडा को मैदान में उतारकर मुकाबला चुनौती पूर्ण बना दिया है। कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे दोनों दिग्गजों के सामने गढ़ बचाने व लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने कैथल हलके से बनाई 56 हजार 180 व कलायत से 36 हजार वोटों की लीड को तोड़ते हुए चुनौती भी है। 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी ने कैथल हलके से 20 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी, लेकिन चार माह बाद हुए विधानसभा चुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला इस लीड को तोड़ते हुए साढ़े 23 हजार वोटों से जीत दर्ज करने में सफल रहे थे, इस चुनाव में भाजपा का प्रत्याशी कैथल से भी और कलायत सीट से भी तीसरे नंबर पर रहा था। कलायत से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश ने 2014 का चुनाव निर्दलीय लड़ते हुए जीता था। गुहला और पूंडरी निर्दलीय बने चुनौती

गुहला व पूंडरी विधानसभा सीट पर भी चुनावी मुकाबला रौचक होने लगा है। इन दोनों सीटों पर 12-12 प्रत्याशी चुनावी दंगल में है। पिछले चुनाव की तरफ इस बार भी इन सीटों पर मैदान में उतरे पार्टी प्रत्याशियों को निर्दलीय मैदान में उतरे उम्मीदवारों से कड़ी टक्कर मिल रही है। पिछले चुनाव में जहां गुहला सीट पर भाजपा ने कमल खिलावा था, वहीं पूंडरी में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रो. दिनेश कौशिक ने मैदान जीत लिया था। बाद में उन्होंने भाजपा सरकार का समर्थन किया था। इस बार वे भाजपा की टिकट पर इस हलके से दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, इस कारण बगावत करते हुए इस बार भी निर्दलीय चुनाव मैदान में है। वहीं भाजपा ने इन दोनों सीटों पर चेहरा बदलते हुए पूंडरी से वेदपाल व गुहला से जिला परिषद सदस्य रवि तारांवली को मैदान में उतारा है। गुहला से भाजपा ने मौजूदा विधायक कुलवंत बाजीगर का टिकट काटा है। पूंडरी हलके से पिछले पांच चुनाव में निर्दलीय ही बाजी मारते आ रहे हैं, अब देखना यह है कि इस चुनाव में क्या रिकार्ड टूट पाएगा या फिर निर्दलीय जीत का छक्का लगाने में कायम हो पाएंगे। भाजपा का चारों सीटों पर कमल खिलाने का लक्ष्य

मई माह में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चारों सीटों पर बढ़त बनाते हुए जीत दर्ज की थी। अब विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का लक्ष्य चारों सीटों पर कमल खिलाने का है। 2014 के विस चुनाव में गुहला को छोड़कर भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। पूंडरी में जहां दूसरे तो कलायत व कैथल में तीसरे नंबर पर भाजपा का प्रत्याशी रहा था।

जिले की चारों सीटों पर उतरे 57 प्रत्याशी, कुल 7.64.888 मतदाता

जिले में चार विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें कैथल, गुहला, कलायत व पूंडरी शामिल है। इस चुनाव में कुल 57 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। इनमें सबसे ज्यादा कैथल से 18, कलायत से 15, पूंडरी व गुहला से 12-12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। 7 लाख 64 हजार 888 कुल मतदाता हैं। इनमें सबसे ज्यादा मतदाता कैथल विस में 2 लाख 2 हजार 797, पूंडरी से 1 लाख 81 हजार 200, कलायत से 2 लाख 1 हजार 72 व गुहला में 1 लाख 79 हजार 819 मतदाता हैं। मैदान में उतरे 57 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला से मतदाता 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान के दिन तय करेंगे।

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