हरविद्र ने दिवंगत मां को समर्पित किया पदक, बोले-मां होती तो कई गुना बढ़ जाती खुशी
देश के लिए पदक तो जीत लिया है लेकिन यह खुशी मां के ना होने से अधूरी लग रही है। अगर मां होती तो पदक जीतने की खुशी कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। यह कहना है टोक्यो पैरालिपिक में तीरंदाजी के रिकर्व इवेंट में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले हरविद्र सिंह का।
सुनील जांगड़ा, कैथल : देश के लिए पदक तो जीत लिया है, लेकिन यह खुशी मां के ना होने से अधूरी लग रही है। अगर मां होती तो पदक जीतने की खुशी कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। यह कहना है टोक्यो पैरालिपिक में तीरंदाजी के रिकर्व इवेंट में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले हरविद्र सिंह का। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह पदक वे अपनी दिवंगत मां हरभजन कौर को समर्पित करते हैं। बता दें कि हरविद्र की माता का निधन सितंबर 2018 में हार्ट अटैक से हो गया था। हरविद्र को उनकी मौत से गहरा झटका लगा था, लेकिन भाई और पिता ने उनकी हिम्मत को टूटने नहीं दिया था। इस घटना के एक महीने बाद ही इंडोनेशिया में तीसरी एशियन पैरा तीरंदाजी प्रतियोगिता थी, जिसमें हरविद्र ने स्वर्ण पदक हासिल किया था।
इसलिए अभी तक नहीं की थी शादी
हरविद्र ने बताया कि उनका एक ही लक्ष्य था, देश के लिए पैरा ओलिपिक में पदक लाकर माता-पिता का नाम रोशन करना। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने अभी तक शादी नहीं की थी। छोटे भाई अर्शदीप की शादी छह साल पहले हो चुकी है, लेकिन उनका ध्यान अपने लक्ष्य पर ही था। बता दें कि अब घर में हरविद्र की शादी की तैयारियां चल रही हैं। घर में रिपेयर और रंग-रोगन का कार्य चल रहा है। जल्द ही हरविद्र पंजाब के पहले बठिडा की मनप्रीत से शादी रचाएंगे। मनप्रीत ने एमफिल तक पढ़ाई की हुई है और नवंबर माह में शादी हो जाएगी।
छह को स्वदेश, दस को लौटेंगे कैथल
हरविद्र ने बताया कि छह सितंबर को खिलाड़ियों का दल भारत लौटेगा। उसके बाद आठ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू के साथ आयोजित समारोह में शामिल होंगे। वहां प्रधानमंत्री से खेलों को लेकर चर्चा भी होगी। उसके बाद दिल्ली में ही दो कार्यक्रम हैं, जिनके बाद दस सितंबर को कैथल वापस आएंगे।
2018 से कर रहे थे नौकरी का प्रयास
हरविद्र ने बताया कि उन्होंने 2018 में पैरा एशियन खेलों में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक दिलवाया था। तब से वे सरकारी नौकरी का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली थी। अब ओलिपिक में कांस्य पदक लाने के बाद सीएम मनोहर लाल ने नौकरी और ढाई करोड़ रुपये की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खेल मंत्री संदीप सिंह और खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी है।