राष्ट्र और विश्व को योग्य नागरिक देने में गुरु का अहम योगदान : आत्मानंद
गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जिला इकाई द्वारा गांव बंदराना में गुरु ब्रह्मानंद आश्रम में हवन का आयोजन किया।
जागरण संवाददाता, कैथल: गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जिला इकाई द्वारा गांव बंदराना में गुरु ब्रह्मानंद आश्रम में हवन का आयोजन किया। इकाई के जिला संरक्षक एवं आश्रम के स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधानपूर्वक हवन संपन्न करवाया। इस हवन में परिषद के सदस्यों सहित ग्रामीणों ने अपनी-अपनी आहुतियां डाली। इसके बाद जिला इकाई द्वारा फल वितरित किए गए। स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने कहा कि गुरु वह होता है जो परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व को योग्य नागरिक दें। हमारे देश में गुरु हमेशा पूजनीय और आदर्श रहे हैं। महर्षि वेद व्यास ने महाभारत में गीता में जो जीवन-उत्थान की बातें बताईं हैं, हमें उन बातों को अपने जीवन में धारण करना चाहिये। इकाई संयोजक डा. तेजिद्र ने कहा कि महर्षि वेद व्यास वेदांत, दर्शन व अद्वैतवाद के संस्थापक थे। महर्षि वाल्मीकि की रामायण की भांति महर्षि वेद व्यास की महाभारत भी संस्कृत-कवियों के लिये उपजीव्य रही है। उन्होंने महाभारत रूपी ज्ञान का दीप जलाकर पूर्ण विश्व को जीने की राह दिखाई। इकाई के जसमेर सिंह ने कहा कि कैथल-करनाल मार्ग पर बसे बस्तली गांव को व्यास जी की तपोस्थली माना जाता है। पुराणों में इसका उल्लेख मिलता है। वर्तमान में भी इस गांव में वेद व्यास जी का मंदिर है। सतीश कुमार ने कहा कि सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास त्रिकालज्ञ थे। उनकी दृष्टि दिव्य थी। उनको आगे होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास हो गया था।