घर-घर सर्वे की ड्यूटी के विरोध में राजकीय प्राथमिक शिक्षकों ने सौंपा चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन

कोविड चिकित्सा जांच के लिए घर-घर सर्वे में शिक्षकों की ड्यूटी के विरोध में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजौंद के नाम ज्ञापन सौंपा गया। खंड अध्यक्ष मजेंद्र राविश ने बताया कि सरकार द्वारा कोविड चिकित्सा जांच के लिए घर- घर सर्वे करने के लिए प्रत्येक गांव में चार या पांच सदस्यीय टीम बनाई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:46 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:46 AM (IST)
घर-घर सर्वे की ड्यूटी के विरोध में राजकीय प्राथमिक शिक्षकों ने सौंपा चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन
घर-घर सर्वे की ड्यूटी के विरोध में राजकीय प्राथमिक शिक्षकों ने सौंपा चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन

संवाद सहयोगी, राजौंद:

कोविड चिकित्सा जांच के लिए घर-घर सर्वे में शिक्षकों की ड्यूटी के विरोध में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजौंद के नाम ज्ञापन सौंपा गया। खंड अध्यक्ष मजेंद्र राविश ने बताया कि सरकार द्वारा कोविड चिकित्सा जांच के लिए घर- घर सर्वे करने के लिए प्रत्येक गांव में चार या पांच सदस्यीय टीम बनाई जा रही है। जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भेजी सूची के अनुसार, कोविड से संबंधित प्रशिक्षित प्रवक्ता एवं अध्यापकों की ड्यूटी लगाई जानी थी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजौंद द्वारा प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी बिना विभागीय स्वीकृति एवं बिना प्रशिक्षण के लगाई जा रही है। उपाध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त प्रवक्ताओं एवं अध्यापकों की ड्यूटी लगने के बाद भी आवश्यकता के अनुसार अगर प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है तो पहले उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा दिया जाए। उन्हें पहचान-पत्र, सुरक्षा किट, दस्ताने, सैनिटाइजर आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। इस मौके पर राजबीर, जोगिद्र सिंह, शिक्षक प्रीति देवी, होशियार सिंह व संजीव कुमार मौजूद थे।

कोरोना के कारण प्रभावित हो रहे पंचायती चुनाव

संस, कलायत : पंचायती राज चुनाव कोरोना के कारण भावी उम्मीदवारों के लिए अग्नि परीक्षा साबित होने जा रहा है। चुनाव के शंखनाद से पहले ही उम्मीदवार रण क्षेत्र में अपनी ताल ठोकते रहे हैं। कोरोना काल के कारण इस बार भावी उम्मीदवार फिलहाल चुनावी मैदान और जन सेवा के अभियान से पांव पीछे खींच रहे हैं। मतदाता, समाजसेवी संगठन और जरूरतमंद लोग इन्हें जन सेवा की कसौटी पर परख रहे हैं। राजनीति को जन सेवा का जरिया मानने वालों की अब कोरोना संकट में लोगों को कमी खल रही है। मतदाताओं का कहना है कि कोरोना काल मानवीय जीवन पर बड़ा संकट है। भावी उम्मीदवारों को मतदाता खुद घर जाकर समय से पहले चुनावी तैयारी करने की राय दे रहे हैं। महाशय फिलहाल निर्णय भविष्य पर छोड़कर घर में दुबके रहने में भला समझ रहे हैं।

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