पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी सरकार का अमानवीय चेहरा

आइएनटीयूसी सीटू सर्व कर्मचारी संघ सहित अन्य सभी ट्रेड यूनियनों की बैठक सीवन में हुई। बैठक के बाद सभी पदाधिकारियों ने मिल कर सीवन में नायब तहसीलदार को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 09:15 AM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 09:15 AM (IST)
पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी  सरकार का अमानवीय चेहरा
पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी सरकार का अमानवीय चेहरा

संवाद सहयोगी, सीवन : आइएनटीयूसी, सीटू, सर्व कर्मचारी संघ सहित अन्य सभी ट्रेड यूनियनों की बैठक सीवन में हुई। बैठक के बाद सभी पदाधिकारियों ने मिल कर सीवन में नायब तहसीलदार को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा। बैठक की अध्यक्षता चांद राम ने की। उनके साथ आइएनटीयूसी प्रधान साहब सिंह, सीटू की ओर से राज्य सचिव शकुंतला, सर्व कर्मचारी संघ की ओर से सीनू बेनीवाल ने शिरकत की।

चांद राम ने बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, सरकारी कर्मचारियों की फेडरेशनों के देश व्यापी आह्वान पर यह आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन माह में सरकार कोरोना महामारी से लड़ने के लिए उतनी गंभीर नजर आई है। जबकि सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने, श्रमिक के पक्ष में बने कानूनों व अधिकारों को निरस्त करने में ज्यादा व्यस्त रही है। कहने को सरकार ने कोरोना से लड़ने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दे दिया। उनके पास सही प्रकार से उपकरण भी मौजूद नहीं हैं जिससे वह इस महामारी का मुकाबला कर सकें।

प्रवासी मजदूरों और गरीब लोगों का रोजगार तक खत्म हो गया है। उद्योगों में वेतन न देना, वेतन कटौती, नौकरी छीनना आदि बड़े पैमाने पर जारी है और इस बारे में सरकार मौन है।

इस दौर में विश्व में तेल के दामों में कमी के बावजूद भी पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी सरकार का अमानवीय चेहरा दिखाती है। उन्होंने अपनी मांगों के बारे में बताया कि मजदूरों के हितों में बने कानूनों को कमजोर करने व निरस्त करने का निर्णय वापिस हो। जब तक रोजगार बहाल नहीं होता प्रवासी व स्थानीय मजदूरों व जरूरतमंदों को 10 किलो प्रति व्यक्ति अनाज व सुखा राशन दिया जाए।

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