तीन दिन से शहर के डिवाइडरों की सभी लाइटें बंद, लोग परेशान

शहर के लोगों को लंबे समय से खराब स्ट्रीट लाइटों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिन से शहर के डिवाइडरों पर लगी सभी लाइटें बंद पड़ी हैं। लाइटें बंद होने का कारण है कि नप को शाम के समय इन लाइटों को जलाने वाला कर्मचारी नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:31 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:31 AM (IST)
तीन दिन से शहर के डिवाइडरों की सभी लाइटें बंद, लोग परेशान
तीन दिन से शहर के डिवाइडरों की सभी लाइटें बंद, लोग परेशान

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर के लोगों को लंबे समय से खराब स्ट्रीट लाइटों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिन से शहर के डिवाइडरों पर लगी सभी लाइटें बंद पड़ी हैं। लाइटें बंद होने का कारण है कि नप को शाम के समय इन लाइटों को जलाने वाला कर्मचारी नहीं मिल रहा है। इससे पहले लाइटें जलाने के लिए एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई हुई थी, लेकिन एरिया के हिसाब से चार कर्मचारियों की जरूरत है। ऐसे में एक कर्मचारी को सभी लाइटें जलाने में परेशानी हो रही थी, जिस कारण उसने भी काम बंद कर दिया। अब नगर परिषद की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सड़कों पर रात होते ही गाय और नंदी का जमावड़ा हो जाता है और अंधेरा होने के कारण कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। करनाल रोड, ढांड रोड, अंबाला रोड, जींद रोड, चीका रोड सहित सभी मुख्य डिवाइडरों पर करीब 2400 स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं। रिपेयर का ना होने के कारण इनमें से करीब 800 लाइटें खराब पड़ी हुई हैं। इन लाइटें की रिपेयर के लिए दस लाख रुपये का टेंडर लगाया गया था। टेंडर खोला जा चुका है, लेकिन वर्क आर्डर जारी नहीं किया जा रहा है।

छह सालों से नहीं लगी नई लाइटें

नगर परिषद की तरफ से करीब छह साल पहले डिवाइडरों पर नई लाइटें लगाई गई थी। उसके बाद से कोई भी नई लाइट नहीं लग पाई है। पार्षदों ने अपने कार्यकाल में नई लाइटें लगवाने का प्रयास किया था और नई लाइटों के लिए टेंडर भी लगवा दिए थे। उसके बाद निदेशालय के आदेशों पर नई लाइटें लगाने के सभी टेंडर रद कर दिए गए थे। अब रिपेयर के सहारे ही लाइटों की व्यवस्था चल रही है, लेकिन यह कार्य भी नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है।

नहीं शुरू हो पा रहे विकास कार्य

शहर में होने वाले विकास कार्यो को लेकर नगर परिषद अधिकारी गंभीर नहीं हैं। करीब तीन महीने से सीएम घोषणा के तहत साढ़े छह करोड़ रुपये के टेंडर लगाए गए थे। करीब दो करोड़ के टेंडर 20 दिन पहले खोले जा चुके हैं, लेकिन वर्क आर्डर जारी नहीं किए जा रहे हैं। सीएम घोषणा के तहत शहर के वार्डो के लिए दस करोड़ 22 लाख रुपये मंजूर हुए थे। दो सालों से पार्षद इस राशि के खर्च होने का इंतजार कर रहे थे। अब पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन राशि खर्च नहीं हो पा रही है। इनके अलावा शहर में 15 लाख रुपये की लागत लगने वाले सीसीटीवी कैमरों का टेंडर भी दो महीने से अटका हुआ है। शहर में 24 चौराहों पर नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। कैमरे लगने के बाद शहर में हो रही आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने में पुलिस को सहायता मिल सकती है।

तीन दिन से डिवाइडरों की लाइटें बंद होने की जानकारी मिली है। लाइटें जलाने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी जाएगी ताकि लोगों को परेशानी ना उठानी पड़े।

सोमबीर, जेई, नगर परिषद लाइट शाखा के इंचार्ज।

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