पशुपालकों के लिए दम तोड़ रही पशु क्रेडिट कार्ड योजना
पशुपालकों की आर्थिक मदद करने के लिए शुरू की गई पशु क्रेडिट कार्ड योजना दम तोड़ रही है। इस योजना के लिए जिले में 1
जागरण संवाददाता, कैथल: पशुपालकों की आर्थिक मदद करने के लिए शुरू की गई पशु क्रेडिट कार्ड योजना दम तोड़ रही है। इस योजना के लिए जिले में 18 हजार आवेदन हुए हैं। इनमें से 17 बैंकों में केवल 1353 क्रेडिट कार्ड अब तक बने हैं। निजी बैंकों में नाममात्र क्रेडिट कार्डों की संख्या रही है। पशुपालकों का कहना है, कि सरकार की तरफ से पशु क्रेडिट कार्ड बनाने की योजना शुरू की है, लेकिन योजना का फायदा नहीं मिल रहा है। बैंक की तरफ से लोन नहीं दिया जा रहा है। बैंक कागजों में कमी निकाल रहे हैं। पशुपालकों के लिए सरकार ने कम ब्याज की दर पर स्कीम तो शुरू कर दी, लेकिन बैंक लोन पास नहीं कर रहे। पिछले छह सात महीनें से बैक के चक्कर पशुपालक काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
6797 रुपये प्रति किस्त पशुपालकों को दी जाती है
इस योजना के अंतर्गत राज्य के एक भैंस रखने वाले किसानों को 60 हजार 249 रुपये तक, गाय रखने वाले किसानों को 40 हजार 783 रुपये का लोन राज्य सरकार देती है। यह लोन हर महीने 6 बराबर किस्तों यानी 6 हजार 797 रुपये प्रति किस्त में क्रेडिट कार्ड के जरिये किसानों को दिया जाना है। एक साल के अंदर चार फीसदी सालाना ब्याज के साथ पैसा लौटाना होगा। समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को ब्याज में सौ फीसद की छूट दी जाएगी। यदि कोई किसान पशु किसान क्रेडिट कार्ड से 1.60 लाख रुपये से ज्यादा का लोन लेता है तो उसे सामान्य ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा। एक लाख 60 हजार से कम वालों को कोई ब्याज की जरूरत नहीं है।
ऐसे बनाए जिले में अब तक क्रेडिट कार्ड-
बैंक- क्रेडिट कार्ड
पीएनबी बैंक- 294
एसवाइएनडीकेट बैंक- 26
एचडीएफसी- 37
बैंक ऑफ बड़ौदा- 15
कैनरा बैंक- 92
कार्पोरेशन बैंक - 20
एसएचजीबी बैंक- 141
एसबीआई बैंक- 386
इंडियन बैंक- 68
यूनियन बैंक- 47
बैंक ऑफ महाराष्ट्रा- 1
सीबीआइ बैंक- 92
एक्सिस बैंक- 4
ओबीसी बैंक- 109
आंध्राबैंक- 17
इंडस बैंक- 02
विजया बैंक- 02
पशु क्रेडिट कार्ड के लिए 18 हजार आवेदन आए थे, इनमें से केवल 1353 के ही अब तक बने है। विभाग ने वेरिफिकेशन के बाद बैंक को भेज दिया है। आगे क्रेडिट कार्ड बैंकों की तरफ से बनाए जाएंगे। दो लाख 50 हजार के करीब इस समय जिले में पशुओं की संख्या है।
डा.मंगल सिंह, उपनिदेशक पशुपालन विभाग। ---