कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आमजन लगाएं मास्क, दो गज दूरी का करें पालन: एसडीएम

एसडीएम विरेंद्र ढुल ने विभिन्न स्थानों का दौरा करके आम जन से आह्वान किया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना सैनिटाइजर का उपयोग या बार-बार साबुन से हाथ धोना शारीरिक दूरी आदि हिदायतों की पालना पालना करनी चाहिए

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:54 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:54 AM (IST)
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आमजन लगाएं  मास्क, दो गज दूरी का करें पालन: एसडीएम
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आमजन लगाएं मास्क, दो गज दूरी का करें पालन: एसडीएम

संवाद सहयोगी, कलायत : एसडीएम विरेंद्र ढुल ने विभिन्न स्थानों का दौरा करके आम जन से आह्वान किया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना, सैनिटाइजर का उपयोग या बार-बार साबुन से हाथ धोना, शारीरिक दूरी आदि हिदायतों की पालना पालना करनी चाहिए, तभी हम कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ सकते हैं। उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों से उनका कुशलक्षेम भी जाना। एसडीएम ने कलायत, मटौर, बडसीकरी, बालू आदि गांवों में जाकर लोगों को समझाया कि डीसी सुजान सिंह द्वारा दिए गए ठीकरी पहरे के आदेशों की अनुपालना में कलायत क्षेत्र में भी ठीकरी पहरा जारी है। सभी गांव वासी इसमें अपना सहयोग करें और अपने घरों में रह कर अपने साथ-साथ अपने परिजनों की भी इस महामारी से सुरक्षा करें। उन्होंने कहा कि महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा कार्यक्रम के तहत कुछ नियम लागू किए गए हैं, सभी उन नियमों का पालन करें। जो व्यक्ति नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान चल रहा है, लेकिन हमें मास्क पहनने और दो गज की दूरी के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते रहना चाहिए, ताकि सभी सुरक्षित रहें और इस वायरस के प्रसार को रोकने में कामयाब हो सकें।

बाल विवाह है कानूनी जुर्म, सजा का है प्रावधान : सुनीता

जासं, कैथल : जिला प्रोटेक्शन ऑफिसर सुनीता देवी ने बताया कि बाल विवाह कानूनी जुर्म है। बाल विवाह को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 को लागू किया गया है तथा बाल विवाह को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

इस अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में संरक्षण एवं प्रतिषेध अधिकारी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार विवाह के लिए लड़के की आयु 21 वर्ष तथा लड़की की आयु 18 वर्ष निश्चित की गई है। इस आयु से पहले यदि कोई व्यक्ति विवाह करता है तो वह बाल विवाह की श्रेणी में आता है, जिसमें दो वर्ष का कारावास व एक लाख रुपये तक का जुर्माना तथा दोनों हो सकते हैं।

बाल विवाह से संबंधित शिकायत डीसी, एसपी, जिला कार्यक्रम अधिकारी व महिला पुलिस थाना में स्थित बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को स्पेशल सैल फॉर वूमेन एंड चिल्ड्रन में दी जा सकती है।

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