आढ़तियों ने किया एफसीआइ अफसरों का विरोध, मंडी से खदेड़ा

पीआर धान की खरीद करने नई अनाज मंडी पहुंचे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के अधिकारियों को आढ़तियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। आढ़तियों ने एजेंसी अधिकारियों और कर्मचारियों को खरी-खरी सुनाई और मंडी से खदेड़ दिया। बोले धान के सीजन में तो खरीद करने आ गए पहले गेहूं सीजन के दौरान जो अनाज खरीदा था उसका भुगतान तो कर दो।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 06:28 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 06:28 AM (IST)
आढ़तियों ने किया एफसीआइ अफसरों  का विरोध, मंडी से खदेड़ा
आढ़तियों ने किया एफसीआइ अफसरों का विरोध, मंडी से खदेड़ा

जागरण संवाददाता, कैथल : पीआर धान की खरीद करने नई अनाज मंडी पहुंचे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के अधिकारियों को आढ़तियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। आढ़तियों ने एजेंसी अधिकारियों और कर्मचारियों को खरी-खरी सुनाई और मंडी से खदेड़ दिया। बोले, धान के सीजन में तो खरीद करने आ गए, पहले गेहूं सीजन के दौरान जो अनाज खरीदा था उसका भुगतान तो कर दो। जब तक पहले वाली पेमेंट नहीं आएगी, एक भी दाना एफसीआइ को नहीं देंगे। दूसरा मंडियों में बिना राइस मिलर के आढ़ती पीआर धान नहीं बेचेंगे। एजेंसी तो आज मंडियों से खरीद कर चली जाएगी, लेकिन अगर सात से आठ दिन यहां अनाज पड़ा रहा हो उसका नुकसान आढ़तियों को उठाना पड़ेगा।

इधर, राइस मिलरों ने अपनी स्थिति साफ कर दी। अगर उनके राइस मिल में कोई भी धान खराब पहुंचा तो वे वापस भेज देंगे। इस तरह से आढ़तियों को दोहरी मार पड़ेगी। इसलिए एजेंसियों को अगर धान खरीदनी है तो राइस मिलर को साथ लेकर आना होगा। घोषणा की गई कि कोई भी आढ़ती बिना राइस मिलर के मंडी में पीआर धान एजेंसी को न बेचें। अगर कोई ऐसा करेगा तो मंडी उसका बहिष्कार करेगी। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने मंडी पहुंचकर पीआर धान की खरीद न होने पर रोष जताते हुए मार्केट कमेटी कार्यालय का घेराव किया।

मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

सुबह करीब 11 बजे एफसीआइ एजेंसी के अधिकारी मंडी में धान खरीदने के लिए पहुंचे तो आढ़ती वहां एकत्रित हो गए। उन्होंने मार्केट कमेटी कार्यालय के मुख्य गेट के बाहर एकत्रित होकर रोष जताया। कहा कि बिना राइस मिलर के वह धान नहीं बेचेंगे। अगर एजेंसी को आढ़तियों ने धान बेच दिया तो उसका उठान साथ की साथ एजेंसी करती हो तो वह धान बेचने के लिए तैयार हैं। एजेंसी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट का ठेकेदार धान उठाएगा। यह गेहूं का सीजन नहीं है। गेहूं के सीजन में सात से आठ दिन भी गेहूं पड़ी रहती है तो नुकसान नहीं होता। धान में तो एक दिन के बाद दाना काला होने लगता है। इस तरह से धान खराब होने पर आढ़तियों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

इसके बाद जैसे ही मार्केट कमेटी सचिव दीपक कुमार के साथ एजेंसी अधिकारी मंडी में पहुंचे तो आढ़ती एकत्रित हो गए। मंडी एसोसिएशन प्रधान कृष्ण मित्तल सहित अन्य आढ़तियों ने एजेंसी अधिकारियों और कर्मचारियों को वहां से खदेड़ दिया। बोले, बिना राइस मिलर के मंडी में खरीद किसी भी कीमत पर नहीं होगी।

एसडीएम ने ली आढ़तियों की बैठक

मंडी में खरीद न होने पर एसडीएम संजय कुमार मार्केट कमेटी कार्यालय पहुंचे। जहां पहले किसानों और इसके बाद आढ़तियों के साथ बैठक की। आढ़तियों ने कहा कि एजेंसी अधिकारी जब तक राइस मिलरों को साथ लेकर पीआर धान की खरीद नहीं करेंगे, तब तक वह धान नहीं बेचेंगे। एसडीएम ने कहा कि आढ़तियों और किसानों ने जो मांग रखी है, उसे उच्चाधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही यह समस्या दूरी जाएगी।

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