फसल अवशेष न जलाने को लेकर पुरानी अनाज मंडी में किसानों को किया जागरूक

दैनिक जागरण के पराली का समाधान है समझदारी अभियान के तहत वीरवार को फसल अवशेष न जलाने को लेकर पुरानी अनाज मंडी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 08:34 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 08:34 PM (IST)
फसल अवशेष न जलाने को लेकर पुरानी अनाज मंडी में किसानों को किया जागरूक
फसल अवशेष न जलाने को लेकर पुरानी अनाज मंडी में किसानों को किया जागरूक

जागरण संवाददाता, कैथल : दैनिक जागरण के पराली का समाधान है समझदारी अभियान के तहत वीरवार को फसल अवशेष न जलाने को लेकर पुरानी अनाज मंडी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पुरानी अनाज मंडी के प्रधान राम बहादुर खुरानिया ने की। इस दौरान प्रधान ने किसानों को धान के फसल के अवशेष न जलाने को लेकर आह्वान किया। कार्यक्रम में किसानों ने भी अपने खेतों में फसल अवशेष न जलाने का संकल्प लिया। किसानों ने दैनिक जागरण के इस अभियान को सराहा। किसानों का कहना था कि दैनिक जागरण का यह काफी सराहनीय प्रयास है कि किसानों को फसल अवशेष न जलाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है।

जागरूकता से होगा समाधान : धान के अवशेष जलाने से पर्यावरण काफी प्रदूषित होता है। दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए पराली का समाधान है समझदारी अभियान से किसान जागरूक हो रहे हैं। क्योंकि हम केवल जागरूकता के माध्यम से समस्या का समाधान करवा सकते हैं। फसल अवशेष न जलाने को लेकर प्रत्येक किसान को जागरूक होने की जरूरत है। उम्मीद है कि दैनिक जागरण के इस अभियान से किसानों में जागरूकता आएगी। बलबीर सिंह, किसान , अमरगढ़

--- हर वर्ष धान की फसल अपने खेतों में उगाता हूं। पिछले करीब चार साल से फसल अवशेष नहीं जला रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि इससे जमीन की उर्वरता शक्ति कम नहीं होती है। यदि हम अपने खेतों में पराली जलाएंगे तो जमीन की उर्वरता शक्ति कम होगी। खेतों में फसल अवशेष जलाने पर जमीन के उपजाऊपन पर विपरीत असर पड़ता है। फसल अवशेष कभी भी नहीं जलाना चाहिए।

गुरमीत, किसान, माजरा निवासी अभियान है सराहनीय : फोटो नंबर : 15 फसल अवशेष न जलाने को दैनिक जागरण का अभियान काफी सराहनीय है। दैनिक जागरण सामाजिक सरोकारों के तहत कार्य करता है। ऐसी पहल अन्य संस्थाओं को भी ऐसी पहल करनी चाहिए। कृषि विभाग द्वारा भी फसल अवशेष न चलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। रामचंद्र ने कहा कि धान कटाई के दौरान नहीं, बल्कि रोपाई के समय से ही जागरूकता अभियान शुरू करना चाहिए। रामचंद्र सिंह, किसान, कुतुबपुर ---------- वे अपने खेतों में मशीनों के माध्यम से फसल का अवशेष प्रबंधन करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने खेतों में धान के अवशेषों को जलाएंगे तो पर्यावरण प्रदूषण होगा। यदि फसल अवशेष को न जलाकर बेलर मशीन के माध्यम से पराली की गांठें बनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए किसानों को जागरूक होना पड़ेगा। यदि किसान जागरूक होंगे पर्यावरण संरक्षित को होगा ही, बल्कि इसके साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी। रामनिवास, किसान

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