किसान सुखदेव ने अवशेष प्रबंधन में पेश की अनूठी मिसाल

सीवन के किसान सुखदेव सिंह धान अवशेष प्रबंधन में अनूठी मिसाल पेश की है। वे अपने खेत की 80 एकड़ जमीन पर प्लाऊ हल का उपयोग कर फसल अवशेषों को प्राकृतिक खाद में बदल रहे है। सुखदेव बताते है कि फसल अवशेषों से प्रदूषण फैलता है। इससे बीमारियां बढ़ने का खतरा रहता है। बीमारियों का ख्याल रखते हुए अवशेष न जलाने की ठानी है ताकि खुद व अन्य लोगों भी स्वस्थ रहे। थुआ कैथल सीवन के किसान सुखदेव सिंह धान अवशेष प्रबंधन में अनूठी मिसाल पेश की है। वे अप

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:11 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 06:11 AM (IST)
किसान सुखदेव ने अवशेष प्रबंधन में पेश की अनूठी मिसाल
किसान सुखदेव ने अवशेष प्रबंधन में पेश की अनूठी मिसाल

सोनू थुआ, कैथल: सीवन के किसान सुखदेव सिंह धान अवशेष प्रबंधन में अनूठी मिसाल पेश की है। वे अपने खेत की 80 एकड़ जमीन पर प्लाऊ हल का उपयोग कर फसल अवशेषों को प्राकृतिक खाद में बदल रहे है। सुखदेव बताते है कि फसल अवशेषों से प्रदूषण फैलता है। इससे बीमारियां बढ़ने का खतरा रहता है। बीमारियों का ख्याल रखते हुए अवशेष न जलाने की ठानी है ताकि खुद व अन्य लोगों भी स्वस्थ रहे। उनका कहना है कि आमतौर पर किसान फसल उत्पादन में फसल अवशेषों के योगदान को नजरअंदाज कर देते हैं। फसल कटाई के बाद दाने निकालने के बाद प्राय: किसान फसल अवशेषों को जला देते हैं। फसल अवशेषों के जलाए जाने से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण प्रदूषण तो बढ़ता ही है। साथ ही, धुएं की वजह से हृदय और फेफड़े से जुड़ी बीमारियां भी बढ़ती हैं। इसलिए उन्होंने प्लाऊ का इस्तेमाल कर प्रकृति को प्रदूषण रहित बनाने की सोच रखी है।

खेत की जमीन को पलटने का काम किया प्लाऊ यंत्र-

किसान सुखदेव बताते है कि प्लाऊ यंत्र द्वारा 80 एकड़ की जमीन को पलट दिया। फसल अवशेष इससे जमीन के नीचे चले गए है। अवशेष सड़ कर खाद का रूप धारण कर गए है। मिट्टी अवशेषों के ऊपर आ जाती है। इससे फसल में खाद की कम जरूरत पड़ती है। फसल अवशेषों का प्रयोग जैविक खेती में करके मृदा में कार्बनिक कार्बन की मात्रा में किसान सुधार कर सकते है। इसी प्रकार सब्जियों के फल तोड़ने के बाद इनके तने, पत्तियां और जड़ें खेत में रह जाती हैं जिनको जुताई करके मृदा में दबाने से खेत के उपजाऊपन में सुधार होता है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों में खलियां, पुआल, भूसा व फार्म अवशिष्ट प्रमुख हैं। ये खेत में रह जाते है तो जमीन की शक्ति कमजोर नहीं रहती हे। इस यंत्र का फसल अवशेष का पोषक तत्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान है परंतु अधिकांश फसल अवशेषों को खेत में जला दिया जाता है या खेत से बाहर फेंक दिया जाता है। फसल अवशेष पौधों को पोषक तत्व प्रदान करने के साथ-साथ मृदा की भौतिक, रासायनिक और जैविक क्रियाओं को अच्छा रखते हैं।

ट्रैक्टर से चलने वाला पलटा हल काफी उपयोगी

फसल बुआई से पहले मिट्टी को उलट पलट करने के लिए ट्रैक्टर से चलने वाला मिट्टी पलट हल काफी उपयोगी है। इसमें शेयर पॉइंट, शेयर, मोल्ड बोर्ड, लैंड स्लाइड्स, फ्रॉग, शेंक, फ्रेम और थ्री पॉइंट हिच सिस्टम होते हैं। इससे मिट्टी की सख्त सतह को तोड़ा जा सकता है और फसल के अवशेषों और हरी फसल को काटकर मिट्टी में दबाने के लिए उपयोगी है।

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