कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने जलाया सरकार का पुतला
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों का धरना जींद रोड पेट्रोल पंप व गुहला चीका व थाना टोल पर जारी रहे। सभी धरने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे है। रविवार को जींद रोड धरने की अध्यक्षता संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य महेंद्र सिंह ने की।
जागरण संवाददाता, कैथल :
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों का धरना जींद रोड पेट्रोल पंप व गुहला चीका व थाना टोल पर जारी रहे। सभी धरने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे है। रविवार को जींद रोड धरने की अध्यक्षता संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य महेंद्र सिंह ने की। वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार का पुतला जलाया।
किसानों ने कहा कि सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। किसान ठंड के मौसम में दिल्ली के चारों ओर बैठे है। उनकी सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा। तीनों कृषि कानून ,बिजली बिल 2020 वापस व एमएसपी की गारंटी दी जाए। धरने को रिटायर्ड कर्मियों के नेता अशोक शर्मा, किसान नेता सुखपाल, हवा सिंह ढुल व बलजीत चंदाना मौजूद थे।
महिलाओं की संख्या भी
बढ़ रही है धरनों पर-
प्रदर्शनकारी किसानों के साथ महिला किसानों की संख्या भी बढ़ रही है। महिलाएं सुबह रसोई का काम निपटा कर धरने पर पहुंच जाती है। बच्चों धरना स्थल पर पहुंच रहे है। गांव- गांव से सभी धरना स्थलों पर दूध, राशन एकत्रित कर पहुंचाया जा रहा है। गांव तितरम, प्योदा, चंदाना,जाखोली हरसौला, कैलरम,किठाना, खुराना व सेगा के लोग शामिल रहे ।
जिले भर में की जा रही गश्त
पुलिस प्रशासन की तरफ से जिलेभर में गश्त की जा रही है। पुलिस कर्मचारियों सभी चौक-चौराहों पर नजर बनाए हुए है, एडीसी, एसडीएम, सीटीएम, डीएसपी व पुलिस कर्मचारी चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं, ताकि अप्रिय किसी प्रकार की घटना न घटे।
गुहला विधायक ईश्वर सिंह का किसानों ने फूंका पुतला
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों ने उधम सिंह चौक पर विधायक ईश्वर सिंह ने पुतला फूंका। किसानों का कहना है कि जब तक विधायक कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी आवाज नहीं उठाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसान नेता देबू, संधू, गुरी, सुखचैन, जगदेव, निर्मल व गुरजंट का कहना था कि विधायक किसान हितैषी है तो अपना इस्तीफा देकर उनके साथ आंदोलन में साथ दें, अन्यथा उनका कोई भी कार्यक्रम इस हलके में नहीं होने दिया जाएगा। किसानों का कहना है कि जब आंदोलन के दौरान सरकार के मंत्रियों और विधायकों का उनके हलका क्षेत्र में आने या किसी भी कार्यक्रम के करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है तो फिर हलका विधायक का चीका में पहुंचना और लोगों की समस्याएं सुनना किसानों के जले हुए पर नमक छिड़कना है। किसान किसी भी कीमत पर इसे सहन नहीं करेंगे। इससे पहले विधायक निवास का घेराव करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने पहले ही किसानों को रोक लिया।