कार चोरी के आरोपितों से वारदात में प्रयुक्त उपकरण बरामद

सीआइए वन पुलिस ने कुख्यात कार चोरी गिरोह के सात आरोपितों से रिमांड के दौरान वारदात में प्रयुक्त किए गए उपकरणों को बरामद किया है। 21 जुलाई को पुलिस ने सात आरोपितों को गिरफ्तार कर 18 चोरी की गई गाड़ियां बरामद की थी। जिनकी एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत थी। छह आरोपितों का रिमांड हासिल किया था। सभी आरोपितों को वीरवार कोर्ट में पेशकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:00 AM (IST)
कार चोरी के आरोपितों से वारदात में प्रयुक्त उपकरण बरामद
कार चोरी के आरोपितों से वारदात में प्रयुक्त उपकरण बरामद

जागरण संवाददाता, कैथल : सीआइए वन पुलिस ने कुख्यात कार चोरी गिरोह के सात आरोपितों से रिमांड के दौरान वारदात में प्रयुक्त किए गए उपकरणों को बरामद किया है। 21 जुलाई को पुलिस ने सात आरोपितों को गिरफ्तार कर 18 चोरी की गई गाड़ियां बरामद की थी। जिनकी एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत थी। छह आरोपितों का रिमांड हासिल किया था। सभी आरोपितों को वीरवार कोर्ट में पेशकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि कलायत निवासी हरिश कुमार की 14 जुलाई की रात उसके मकान के नजदीक से कार चोरी हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 21 जुलाई को सीआइए वन प्रभारी इंस्पेक्टर अमित कुमार की अगुवाई में टीम ने करनाल की शिव कालोनी निवासी शुभम, बीर बडाला निवासी गुरमीत को गिरफ्तार कर दो गाड़ी बरामद की थी। आरोपितों से पूछताछ के बाद थाना शहर में दर्ज मामला के अनुसार सीआइए वन पुलिस की टीम ने उत्तराखंड के देहरादून निवासी परणीत, संडील निवासी नरेश कुमार उर्फ काला देवबन निवासी कुलदीप उर्फ जेपी, आजाद नगर हिसार निवासी विशाल, इसी जिले की लक्ष्मी विहार कालोनी निवासी संदीप को गिरफ्तार किया था। आरोपितों से 18 गाड़ियां बरामद की थी। अभी इस मामले में आरोपित चेतन फरार चल रहा है, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर जांच की जा रही है।

बता दें कि आरोपित गुरमीत व शुभम कार चोरी कर परणीत को बेचते थे। आरोपित परणीत आगे सभी गाड़ियों को स्क्रैप का धंधा करने वाले आरोपित नरेश, कुलदीप, विशाल व संदीप को बेचता था। फिर ये सभी आरोपित स्क्रैप वाली गाड़ियों के चेसिस नंबर के पार्ट की कटिग कर, चैसी नंबर के पार्ट की जगह वेल्डिग कर पेंट करते हुए आगे बेचने का धंधा करते थे। इन गाड़ियों के इंजन नंबरों पर ग्राइंडर मार देते थे। फिर उस गाड़ी पर स्क्रैप वाली गाड़ी की नम्बर प्लेट लगाकर बेचने का धंधा करते थे। आरोपितों ने बताया था कि स्क्रैप में खरीदी गई गाड़ी के कागजों का प्रयोग तैयार की गई गाड़ियों पर किया जाता था।

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