ईओ ने पालिका अभियंता भेजने के लिए विभाग को लिखा पत्र

नगर परिषद में करीब डेढ़ महीने से पालिका अभियंता के दोनों पद खाली पड़े हैं। बिना पालिका अभियंता के नप को विकास कार्यों को करवाने में परेशानी उठानी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 08:00 AM (IST)
ईओ ने पालिका अभियंता भेजने के लिए विभाग को लिखा पत्र
ईओ ने पालिका अभियंता भेजने के लिए विभाग को लिखा पत्र

जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद में करीब डेढ़ महीने से पालिका अभियंता के दोनों पद खाली पड़े हैं। बिना पालिका अभियंता के नप को विकास कार्यों को करवाने में परेशानी उठानी पड़ रही है। सोमवार को नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि तुरंत प्रभाव से नप के लिए पालिका अभियंता भेजा जाए ताकि विकास कार्य प्रभावित ना हो। दैनिक जागरण ने आठ नवंबर के अंक में इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। अब नप अधिकारी की ओर से कार्रवाई की गई है ताकि समस्या का समाधान हो सके। बिना अभियंता के नगर परिषद में कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। शहर के विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। डेढ़ महीना पहले नगर परिषद पालिका अभियंता का तबादला हो गया था। पालिका अभियंता के डोंगल से ही टेंडर लगते हैं। टेंडर खोलने के लिए भी अभियंता का होना जरूरी होता है। इसके अलावा ठेकेदारों के बिलों से संबंधित कार्य भी अभियंता ही करता है। शहर में जो भी विकास कार्य चल रहे होते हैं उनकी देखरेख की जिम्मेदारी भी अभियंता की होती है। छह महीने से नहीं है दूसरा पालिका अभियंता

डेढ़ महीने पहले भी नगर परिषद के पास एक ही पालिका अभियंता था। करीब छह महीने पहले दो होते थे, लेकिन एक का तबादला हो गया था। एक्सईएन के डोंगल पर 22 वार्डो के विकास कार्यो के टेंडर लगाए थे। करीब दस करोड़ रुपये के विकास कार्य होने थे। कुछ पार्षदों ने एक्सईएन के टेंडर लगाने का विरोध कर दिया था। विरोध के बाद टेंडर नहीं खोले गए थे। टेंडर खोलने की अनुमति लेने के लिए नगर परिषद की ओर से फाइल को शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कार्यालय भेजा गया है। वर्जन

पालिका अभियंता भेजने के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग को पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही नप को पालिका अभियंता मिल जाएगा। उसके बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू करवाई जाएगी ताकि विकास कार्य करवाए जा सकें।

-अशोक कुमार, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी

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