कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे एंबुलेंस चालक राममेहर
कोरोना संक्रमण के दौरान एंबुलेंस चालक गांव छौत निवासी राममेहर कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे हैं। जो कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार के लिए घर से अस्पताल लेकर जाते है।
जागरण संवाददाता, कैथल:
कोरोना संक्रमण के दौरान एंबुलेंस चालक गांव छौत निवासी राममेहर कोरोना योद्धा बनकर काम कर रहे हैं। जो कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार के लिए घर से अस्पताल लेकर जाते है। राममेहर बताते है कि वे कैथल से मरीजों को कल्पना चावला मेडिकल करनाल, रेवाड़ी जेल, सीएचसी व पीएचसी से लाने ले जाने का काम करते है। वहीं शव को श्मशान घाट तक एंबुलेंस में लेकर जाते है। चालक ड्यूटी पर आते ही सबसे पहले वे एंबुलेंस को सैनिटाइजर करते है। ड्यूटी के समय दूसरे व्यक्तियों से नहीं मिलते है। उनका कहना है कि मन में हमेशा एक इच्छा रहती है कि अपनी एंबुलेंस में लाए हुए सभी मरीज ठीक होकर घर पर सुरक्षित लौटे।
बॉक्स-किराये के कमरे में रहते है एंबुलेंस चालक राममेहर
राममेहर बताते हैं कि वो अस्पताल के पास ही किराये के कमरे में रहते है। घर पर दो महीने में जाते हैं, ताकि परिवार का कोई सदस्य संक्रमित न हो। उनका कहना है कि जब पिछले वर्ष वो घर पर ड्यूटी से वापस जाते थे, तो उनकी तरफ बच्चे भागते थे। जिन्हें घर वाले मुश्किल से रोक पाते थे, उसके बाद उन्होंने कैथल में किराये पर कमरा ले लिया। फोन के माध्यम से परिवार के सदस्यों से बातचीत करते रहते है। उनके पास नौ वर्षीय बेटा व दो बेटियां है। रोजाना फोन के माध्यम से उनसे बातचीत होती रहती है। वहीं जब दो महीने में घर जाते है। रोजाना बाथरूम में जाकर कपड़ों को वॉश करते है। किसी दूसरे सदस्य से कपड़े वॉश नहीं करवाते है। खाने पीने में गर्म वस्तुओं का सेवन कर रहे हैं। वहीं ड्यूटी के साथ- साथ घर पर पूरा दिन मास्क लगाकर रहते है, ताकि कोई भी दूसरा व्यक्ति संक्रमित ना हो। उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया है कि रोजाना कोरोना बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अब लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क लगाकर अवश्य रखें। अगर जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें।