देश को एकसूत्र में पिरोता ¨हदी साहित्य : डॉ. हुक्मचंद

उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा की ओर से कस्बे के डीएवी कॉलेज में ¨हदी साहित्य में राष्ट्रीय एकता के विविध स्वर विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उसमें 70 के करीब प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पंजाबी यूनिवर्सिटी के ¨हदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हुक्मचंद राजपाल ने शिरकत की और विशिष्ट अतिथि के तौर पर हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. पूर्णमल गौड़ संगोष्ठी में मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Feb 2019 07:09 AM (IST) Updated:Sun, 24 Feb 2019 07:09 AM (IST)
देश को एकसूत्र में पिरोता ¨हदी साहित्य : डॉ. हुक्मचंद
देश को एकसूत्र में पिरोता ¨हदी साहित्य : डॉ. हुक्मचंद

संवाद सहयोगी, पूंडरी : उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा की ओर से कस्बे के डीएवी कॉलेज में ¨हदी साहित्य में राष्ट्रीय एकता के विविध स्वर विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उसमें 70 के करीब प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पंजाबी यूनिवर्सिटी के ¨हदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हुक्मचंद राजपाल ने शिरकत की और विशिष्ट अतिथि के तौर पर हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. पूर्णमल गौड़ संगोष्ठी में मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केयूके ¨हदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. लालचंद गुप्त मंगल ने की जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर इतिहासकार डॉ. रामेश्वर और डॉ. अशोक भाटिया ने कार्यक्रम में भाग लिया। संगोष्ठी का शुभारंभ सभी मुख्य अतिथियों और प्राचार्या डॉ. सुभाष तंवर ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम से पूर्व पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। संगोष्ठी के दौरान अपने वक्तव्य में मुख्य अतिथि डॉ. हुक्मचंद ने कहा कि ¨हदी साहित्य देश को एकसूत्र में पिरोने का काम करता है।

उन्होंने राष्ट्र, राष्ट्रीय चेतना और राष्ट्र भक्ति में भाषा की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि समकालीन काव्य चेतना में अनेक ऐसे उदाहरण है, जिनसे पता चलता है कि भारत की आत्मा इनमें जीवंत है। डॉ. पूर्णमल गौड़ ने कहा कि देश की एकता में ¨हदी भविष्य में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने देश भक्ति की अनेक काव्य पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना फेंक, जिस पथ पर शीश चढ़ाने जाएं वीर अनेक। प्रो. मंगल ने कहा कि तुम्हारे अजमो इस्तकबाल पर सबकी निगाहें है। वतन के गम गुजारो वतन के जां निसारों तुम सो ना जाना। संगोष्ठी के संरक्षक व कालेज के प्राचार्य डॉ. सुभाष तंवर ने कालेज में पधारे सभी महानुभावों का आभार जताया। संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. रवींद्र गासो ने सभी का परिचय करवाया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. ऋषिपाल बेदी, डॉ. विकास आनंद, डॉ. विकास आनंद, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. ईश्वर ¨सह सगवाल, डॉ. बीर ¨सह, डॉ. संजय जैन, डॉ. किरण शर्मा, डॉ. चंद्र प्रकाश पटियाला, डॉ. कृष्णचंद रल्हाण आदि मौजूद रहे।

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