जिले 274 पंचायतें, ग्राम सचिव मात्र 67, एक ग्राम सचिव पर छह से सात गांव का कार्यभार

जागरण संवाददाता कैथल जिले में 274 ग्राम पंचायतों पर 67 ग्राम सचिव कार्यरत हैं। स्वीकृत पद 100

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 05:33 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 05:33 PM (IST)
जिले 274 पंचायतें, ग्राम सचिव मात्र 67, एक ग्राम सचिव पर छह से सात गांव का कार्यभार
जिले 274 पंचायतें, ग्राम सचिव मात्र 67, एक ग्राम सचिव पर छह से सात गांव का कार्यभार

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में 274 ग्राम पंचायतों पर 67 ग्राम सचिव कार्यरत हैं। स्वीकृत पद 100 के करीब हैं, लेकिन 67 ग्राम सचिव ही विभाग के पास हैं। 33 पद लंबे समय से रिक्त पड़े हुए हैं। ग्राम सचिव कम होने के कारण गांव में विकास कार्यों को लेकर भी दिक्कत आ रही है। एक ग्राम सचिव पर छह से सात गांव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पूरे दिन में दो से तीन गांव ही ग्राम सचिव जा पाते हैं। पद कम होने के कारण सरकारी की योजनाओं का लाभ लेने वाले लोग भी कार्यालय में चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। इसी तरह से जिले के सात ब्लाकों में पांच ब्लाकों में खंड विकास पंचायत अधिकारी हैं। दो बीडीपीओ पर एक-एक ब्लाक का कार्यभार अतिरिक्त दिया गया है। कलायत बीडीपीओ रोजी गुप्ता को राजौंद व पूंडरी बीडीपीओ सुरेंद्र शर्मा को कैथल ब्लाक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। जिले में पहले छह ब्लाक थे, ढांड नया ब्लाक बनाया गया है। पूंडरी व कैथल खंड के कई गांव को इसमें शामिल किया गया है। --------------

जिले में धनौरी व बरटा नई पंचायत हुई शामिल

गांव धनौरी व बरटा पहले जींद जिला का हिस्सा थे, लेकिन दोनों गांव अब कैथल जिले में शामिल हो गए हैं। इन दोनों गांव को कैथल ब्लाक में शामिल किया गया है। वहीं जिले के सीवन ब्लाक में शामिल गांव सीवन की पंचायत को अब नगर पालिका का दर्जा दिया गया है। इसमें पोलड़ व गोविदपुरा की पंचायत को भी शामिल किया गया है। तीन पंचायत नगर पालिका में शामिल होने से अब कुल गांव 274 रह गए हैं। धनौरी व बरटा दोनों ही बड़ी पंचायतें हैं।

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ग्राम सचिव के पद रिक्त होने से ये आ रही दिक्कत

ब्लाक की पंचायतों में सचिवों के पद खाली होने से काफी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जैसे ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायतों की बैठकें, निर्माण कार्यों के प्रस्ताव, जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य सहित अन्य काम-काज प्रभावित हो रहे हैं। गांव के लोगों को काम-काज के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं। दस माह पहले पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी की देखरेख में गांव के विकास कार्य चल रहे हैं। गांव में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ रही है।

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जिला सरपंच एसोसिएशन के प्रधान गज्जन सिंह ने कहा कि ग्राम सचिव के रिक्त पद होने से काफी दिक्कत आ रही है। कई-कई पंचायतों का कार्यभार एक ग्राम सचिव को दिया गया है। इस कारण पंचायतों के कार्य में देरी हो रही है। सरकार को इस तरफ ध्यान देते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी चाहिए।

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जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जसविद्र सिंह ने बताया कि विभाग के पास ग्राम सचिव के 100 स्वीकृत पद हैं, इनमें से 67 पद भरे हुए हैं। रिक्त पद होने के कारण एक ग्राम सचिव को दूसरे गांव का कार्यभार भी दिया हुआ है। रिक्त पदों को लेकर विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।

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