सीधी बिजाई किसानों के लिए हो रही है वरदान साबित
धान की सीधी बिजाई किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। कम लागत में किसान अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। सीधी बिजाई करने से एक तो पानी की बचत हो रही है दूसरा किसानों को धान लगाने के लिए मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ रही हैं।
सोनू थुआ, कैथल : धान की सीधी बिजाई किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। कम लागत में किसान अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। सीधी बिजाई करने से एक तो पानी की बचत हो रही है, दूसरा किसानों को धान लगाने के लिए मजदूरों की जरूरत नहीं पड़ रही हैं।
अबकी बार लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों की पहले ही कमी हैं। लेकिन सीधी बिजाई के बाद कुछ राहत मिली है। किसान इन दिनों खेतों में धान की सीधी बिजाई करने में जुटे हुए हैं। अब तक जिलेभर में पांच हजार एकड़ के करीब सीधी बिजाई की जा चुकी है।
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ऐसे होती है सीधी बिजाई-
धान की सीधी बिजाई में पनीरी लगाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि सूखे खेत में किसान इसकी बिजाई कर सकते हैं। इससे किसानों को फायदा हो रहा हैं। पानी की बचत भी हो रही है। 15 दिन में एक बार किसान फसल में सिचाई कर सकता हैं। कृषि विभाग किसानों को धान की सीधी रोपाई के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, क्योंकि काम जल्दी हो जाता है और लागत भी कम आती है।
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यह होगा लाभ
धान की सीधी बिजाई में पानी का कम प्रयोग होता है, क्योंकि पहले जमीन को नरम करने व तैयार करने के लिए भारी मात्रा में पानी का प्रयोग होता था और मेहनत भी काफी लगती थी। धान की सीधी बिजाई कुल मिलाकर किसानों के लिए लाभकारी है। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ घटता है। पिछले सीजन में यह विधि अभी नई थी और इसी के चलते विभाग ने कम रकबा चुना था। बीमारियां कम फैलती हैं।
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मजदूरी में इजाफा करेगा परेशान
किसान खुशी राम ने बताया कि पिछले साल तक धान की बिजाई के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से 35 सौ से लेकर चार हजार रुपये तक मजदूरी तय थी। इस बार लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन होने से मजदूरों में आई कमी के कारण पहले ही मजदूरों ने मजदूरी बढ़ा दी है। इस बार प्रति एकड़ के हिसाब से सात हजार रुपये मजदूरी कर दी हैं। इस कारण किसान धान की सीधी बिजाई के लिए मन बना रहे हैं। क्योंकि जितने खर्च में किसान एक-दो एकड़ जमीन की बिजाई कर सकते हैं, उतने में सीधी बिजाई से वह अपना सारा काम निपटा सकते हैं।
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सीधी बिजाई सबसे आसान तरीका
किसान सतीश ने बताया कि धान की सीधी बिजाई काफी लाभदायक है। वह पहले भी इसी तरीके से धान का उत्पादन कर चुके हैं। इससे धान के झाड़ पर कोई असर नहीं पड़ा। अब मजदूरों के लिए भटकना नहीं पड़ता। सीधी बिजाई सबसे आसान तरीका है। सरकार सीधी बिजाई के लिए बिजली मुहैया करवाए ताकि बिजाई में कोई रुकावट न आए और खर्च में होती है बड़ी कटौती
वर्जन : बिजाई के लिए 20 हजार एकड़ रकबा तय किया
कृषि अधिकारी उपनिदेशक कर्मचंद ने बताया कि विभाग ने जिले में इस बार धान की बिजाई के लिए 20 हजार एकड़ रकबा तय किया है। पिछले सीजन में यह केवल चार हजार था। किसान धान की सीधी बिजाई का अबकी बार मन बना रहे हैं। सीधी बिजाई के लिए मशीनें किसानों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सीधी बिजाई में बीमारी कम आने का खतरा रहता है।